गाजीपुर। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानिया कोतवाली क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व हुए अष्टधातु से निर्मित बुद्ध की मूर्ति चोरी करने के मामले में बसपा के पूर्व विधायक एवं कोआपरेटिव यूनियन के चेयरमैन रहे उमाशंकर सिंह कुशवाहा सहित छह आरोपियों को तलब किया है।
प्रकरण के मुताबिक बौद्ध भिक्षु अशोक महाबिहार कुटियां के बुद्ध ज्योति महाथेरा भंते ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि बीते 11 अप्रैल 2010 को दिन में बसपा के पूर्व विधायक उमाशंकर सिंह कुशवाहा दस व्यक्तियों के साथ उनके अशोक बिहार में जबरन घुसकर 30 लाख रुपये मूल्य की अष्टधातु से निर्मित बुद्ध की प्रतिमा गाड़ी में लाद लिए। विरोेध करने पर पूर्व विधायक एवं उनके साथियों ने उन्हें भी जबरन गाड़ी में लाद लिया। इसके बाद पांच दिनों तक उन्हें प्रताड़ित करने के बाद लखनऊ में रेलवे स्टेशन के पास छोड़ दिया। किसी तरह वहां से लौटनेे पर इसकी शिकायत तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से की। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर उक्त आरोपियों द्वारा ही 21 अप्रैल को उन्हें नजरबंद कर उन्हें जमानिया में छोड़ दिया गया। शिकायती पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण न्यायालय के आदेश पर कोतवाली जमानिया में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचक द्वारा सही विवेचना न करते हुए मुकदमे में एफआर लगा दी गई। तब परिवादी ने अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया। अंतिम रिपोर्ट के विरुद्ध वादी मुकदमा बौद्ध भिक्षु ने प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया। उसका निस्तारण भी होना था। अदालत ने घटना के संबंध में प्रस्तुत परिवाद पर संज्ञान ले लिया था। ऐसे में प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र को औचित्यहीन मानते हुए अदालत ने उसका निस्तारण कर दिया। परिवाद पत्र में वादी एवं दो गवाहों के बयान और अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर अदालत ने बसपा के पूर्व विधायक उमाशंकर सिंह कुशवाहा, दिनेश कुशवाहा, रवींद्र मौर्य, राम बदन कुशवाहा, ध्रुव नाथ कुशवाहा, विशंभर कुशवाहा को तलब करने का आदेश देते हुए उनके खिलाफ सम्मन का आदेश दिया। आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने के लिए 8 जून की तिथि तय की है।