गाजीपुर। राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान के अंतर्गत स्थायी आजीविका के लिए वन विषयक कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल कल्याण उत्थान समिति की ओर से रामपुर पारा स्थित विद्यालय परिसर में किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान रामदरश राजभर ने कहा कि हमारे जीवन के लिए वनों का होना बहुत जरूरी है। वन से ही हमें आक्सीजन के साथ-साथ फल-फूल एवं लकड़ियां मिलती हैं, जो हमारे लिए आजीविका के साधन हैं।
कार्यक्रम में यशवंत राम ने कहा कि वनों के अंधाधुंध कटान के कारण ही लोगों को कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। समन्वयक शोभनाथ ने कहा कि हमारे पूर्वजों को जिस समय कृषि का ज्ञान नहीं थी, उस समय उनके लिए वन ही आजीविका का मुख्य साधन था। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थायी आजीविका के लिए अपने आसपास के खाली जमीन में पौधरोपण करें। संस्था के प्रबधक डा. नंदलाल ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। इस मौके पर पतिराम राजभर, राधेश्याम, जयप्रकाश गुप्त ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनीता श्रीवास्तव, तेतरा देवी, परमानंद सागर, सचिदानंद का विशेष सहयोग रहा। जनमानस विकास संस्थान की ओर से बंजारीपुर स्थित विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि निर्धनता को घटाने में वन का काफी महत्व है।
रमावती सिंह ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए वन का रहना जरूरी है। महातिम सिंह यादव ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। गब्बर यादव ने कहा कि आजीविका के फलदार तथा स्वस्थ रहने के लिए औषधीय पौधे लगाएं। डा. जीयाउल हसन सिद्दीकी ने पेड़ों की कटान पर चिंता जताई। इस मौके पर पौधे भी लगाए गए। अध्यक्षता महेंद्र सिंह यादव ने की।
गाजीपुर। राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान के अंतर्गत स्थायी आजीविका के लिए वन विषयक कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल कल्याण उत्थान समिति की ओर से रामपुर पारा स्थित विद्यालय परिसर में किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान रामदरश राजभर ने कहा कि हमारे जीवन के लिए वनों का होना बहुत जरूरी है। वन से ही हमें आक्सीजन के साथ-साथ फल-फूल एवं लकड़ियां मिलती हैं, जो हमारे लिए आजीविका के साधन हैं।
कार्यक्रम में यशवंत राम ने कहा कि वनों के अंधाधुंध कटान के कारण ही लोगों को कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। समन्वयक शोभनाथ ने कहा कि हमारे पूर्वजों को जिस समय कृषि का ज्ञान नहीं थी, उस समय उनके लिए वन ही आजीविका का मुख्य साधन था। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थायी आजीविका के लिए अपने आसपास के खाली जमीन में पौधरोपण करें। संस्था के प्रबधक डा. नंदलाल ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। इस मौके पर पतिराम राजभर, राधेश्याम, जयप्रकाश गुप्त ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनीता श्रीवास्तव, तेतरा देवी, परमानंद सागर, सचिदानंद का विशेष सहयोग रहा। जनमानस विकास संस्थान की ओर से बंजारीपुर स्थित विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि निर्धनता को घटाने में वन का काफी महत्व है।
रमावती सिंह ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए वन का रहना जरूरी है। महातिम सिंह यादव ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। गब्बर यादव ने कहा कि आजीविका के फलदार तथा स्वस्थ रहने के लिए औषधीय पौधे लगाएं। डा. जीयाउल हसन सिद्दीकी ने पेड़ों की कटान पर चिंता जताई। इस मौके पर पौधे भी लगाए गए। अध्यक्षता महेंद्र सिंह यादव ने की।