गाजीपुर। कस्तूरबा विद्यालयों में राशन नहीं है जिसकी चलते छात्राएं भूखे पेट घर लौटने को विवश हैं। अभी तक विभाग ने राशन का टेंडर फाइनल नहीं किया है।
जिले में 14 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। 100-100 छात्राओं वाले इन स्कूलों में छात्राओं को रहने, खाने, पढ़ने-लिखने की सुविधा नि:शुल्क मिलती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से इनका संचालन बेहतर नहीं हो पा रहा है। एक जुलाई से इन विद्यालयों की छात्राएं बिना भोजन के ही पढ़ रही हैं। विद्यालयों की तरफ से राशन के लिए मांगपत्र भी भेजा गया है। इधर डीएम के निर्देश के बाद कि इन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा, विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब विभाग के अधिकारी विद्यालय के लेखाकारों से यह लिखवाकर अपने पास रख रहे हैं कि विद्यालय की तरफ से राशन के लिए कोई डिमांड नहीं भेजा गया था। विद्यालय से जुड़े लेखाकारों की मानें तो अधिकारी हम लोगों पर हमेशा दबाव बनाते हैं।
इधर विद्यालयों में भोजन नहीं मिलने से छात्राओं में रोष है। उनका कहना है कि बिना भोजन के इन विद्यालयों में पढ़ना मुश्किल है। बीएसए भी प्राइवेट दुकानदारों से राशन खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस संबंध में जिला समन्यवक बालिका अनुपम गुप्ता ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालयों में राशन भेजा जा रहा है। जल्द ही टेंडर फाइनल हो जाएगा। इन विद्यालयों में राशन संबंधी समस्या नहीं रहेगी। उधर सीडीओ ने कहा कि कस्तूूरबा विद्यालयों में राशन क्यों नहीं पहुंचा, इसके लिए बीएसए से जबाव मांगा जाएगा।
गाजीपुर। कस्तूरबा विद्यालयों में राशन नहीं है जिसकी चलते छात्राएं भूखे पेट घर लौटने को विवश हैं। अभी तक विभाग ने राशन का टेंडर फाइनल नहीं किया है।
जिले में 14 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हैं। 100-100 छात्राओं वाले इन स्कूलों में छात्राओं को रहने, खाने, पढ़ने-लिखने की सुविधा नि:शुल्क मिलती है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से इनका संचालन बेहतर नहीं हो पा रहा है। एक जुलाई से इन विद्यालयों की छात्राएं बिना भोजन के ही पढ़ रही हैं। विद्यालयों की तरफ से राशन के लिए मांगपत्र भी भेजा गया है। इधर डीएम के निर्देश के बाद कि इन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा, विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अब विभाग के अधिकारी विद्यालय के लेखाकारों से यह लिखवाकर अपने पास रख रहे हैं कि विद्यालय की तरफ से राशन के लिए कोई डिमांड नहीं भेजा गया था। विद्यालय से जुड़े लेखाकारों की मानें तो अधिकारी हम लोगों पर हमेशा दबाव बनाते हैं।
इधर विद्यालयों में भोजन नहीं मिलने से छात्राओं में रोष है। उनका कहना है कि बिना भोजन के इन विद्यालयों में पढ़ना मुश्किल है। बीएसए भी प्राइवेट दुकानदारों से राशन खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस संबंध में जिला समन्यवक बालिका अनुपम गुप्ता ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालयों में राशन भेजा जा रहा है। जल्द ही टेंडर फाइनल हो जाएगा। इन विद्यालयों में राशन संबंधी समस्या नहीं रहेगी। उधर सीडीओ ने कहा कि कस्तूूरबा विद्यालयों में राशन क्यों नहीं पहुंचा, इसके लिए बीएसए से जबाव मांगा जाएगा।