बहरियाबाद। थाना क्षेत्र के चक रस्तहीं गांव में मंगलवार को भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने सभा कर अपने कार्यकर्ता की विवाद वाली जमीन पर कब्जा कर लिया। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया।
चक रस्तहीं गांव में ग्राम सभा की जमीन पर कुछ लोग झोपड़ी डालकर रह रहे थे। करीब छह माह पहले एक माले कार्यकर्ता की झोपड़ी में आग लग जाने से वह जमीन खाली हो गई थी। इसके चलते दूसरे पक्ष की तरफ से झोपड़ी रखने से मना किया जा रहा था। मंगलवार को भाकपा (माले) के कार्यकर्ता लामबंद होकर रायपुर बाजार से जुलूस की शक्ल में गांव पहुंचे। इसके बाद उस जमीन पर सभा करने लगे।
सभा के दौरान ही कार्यकर्ताओं ने वहां टिनशेड डाल दिया। इसके बाद जैसे ही तीसरा टिनशेड लाने के लिए कार्यकर्ता चले दूसरा पक्ष भिड़ गया। दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चलने लगे। मौके पर पहुंची फोर्स ने तत्काल दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। जानकारी मिलने पर एसडीएम, एसपी सिटी, सीओ और चार थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और एसडीएम ने निर्देश दिया कि अब इस पर कोई नया निर्माण नहीं होगा। इस दौरान माले कार्यकर्ता विजयबहादुर सिंह, गुलाब सिंह, लालबहादुर, वासुदेव त्यागी आदि मौजूद थे।
बहरियाबाद। थाना क्षेत्र के चक रस्तहीं गांव में मंगलवार को भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने सभा कर अपने कार्यकर्ता की विवाद वाली जमीन पर कब्जा कर लिया। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत कराया।
चक रस्तहीं गांव में ग्राम सभा की जमीन पर कुछ लोग झोपड़ी डालकर रह रहे थे। करीब छह माह पहले एक माले कार्यकर्ता की झोपड़ी में आग लग जाने से वह जमीन खाली हो गई थी। इसके चलते दूसरे पक्ष की तरफ से झोपड़ी रखने से मना किया जा रहा था। मंगलवार को भाकपा (माले) के कार्यकर्ता लामबंद होकर रायपुर बाजार से जुलूस की शक्ल में गांव पहुंचे। इसके बाद उस जमीन पर सभा करने लगे।
सभा के दौरान ही कार्यकर्ताओं ने वहां टिनशेड डाल दिया। इसके बाद जैसे ही तीसरा टिनशेड लाने के लिए कार्यकर्ता चले दूसरा पक्ष भिड़ गया। दोनों पक्षों में लाठी-डंडे चलने लगे। मौके पर पहुंची फोर्स ने तत्काल दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। जानकारी मिलने पर एसडीएम, एसपी सिटी, सीओ और चार थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और एसडीएम ने निर्देश दिया कि अब इस पर कोई नया निर्माण नहीं होगा। इस दौरान माले कार्यकर्ता विजयबहादुर सिंह, गुलाब सिंह, लालबहादुर, वासुदेव त्यागी आदि मौजूद थे।