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सीसीएसयू सेमेस्टर एग्जामः 900 छात्रों का भविष्य दांव पर
गाजियाबाद। सीसीएसयू और शिक्षकाें के बीच तकरार में शहर के 900 स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर लग गया है। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर फुफुक्टा-मूटा के आह्वान पर डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश रखा। शिक्षक सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार कर मेरठ रवाना हो गए। सुबह पेपर होने और कॉलेज के चपरासी-क्लर्क के पेपर कराने की बात पता लगने से छात्र भड़क गए। एमएमएच डिग्री कॉलेज और वीएमएलजी में छात्र-छात्राओं ने हंगामा करते हुए परीक्षाओं से वॉकआउट कर दिया। यूनिवर्सिटी के रवैये को लेकर गुस्साए छात्रों ने जमकर हंगामा किया। सिर्फ एसडी कॉलेज में ही दोनों पालियों में परीक्षा हुई।
छात्रसंघ अध्यक्ष गिरफ्तार
एमएमएच डिग्री कॉलेज में सोमवार सुबह की पाली में एमए प्रथम सेमेस्टर पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी, इकोनॉमिक्स, एमए हिंदी, इंग्लिश, सोशलॉजी, हिस्ट्री, फिलॉसफी और एजूकेशन की परीक्षा होनी थी। परीक्षा में 378 छात्रों को शामिल होना था। कॉलेज प्रशासन ने क्लर्क व चपरासी के जरिए परीक्षा करानी चाही। पेपर ड्यूटी में चपरासी व क्लर्क को लगाए जाने की जानकारी मिलने से छात्रों का पारा चढ़ गया। एमएमएच कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी के नेतृत्व में छात्रों ने हंगामा करते हुए पेपर से वॉकआउट कर दिया। वहां से एसडी डिग्री कॉलेज में परीक्षा रुकवाने पहुंचे सुनील चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। छात्रसंघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी की सूचना पर एमएमएच और वीएमएलजी कॉलेज से छात्र-छात्राएं कोतवाली पहुंचे। जहां गिरफ्तारी पर छात्रों ने जमकर बवाल काटा। एमएमएच कॉलेज में दो बजे दूसरी पाली की परीक्षा शुरू होने के बाद उन्हें छोड़ा गया।
सूचना पर छात्राएं भड़कीं
वीएमएलजी कॉलेज में पहले रद्द घोषित हो चुके पेपरों को कराए जाने पर छात्राएं भड़क गई। छात्राओं को पेपर होने की जानकारी फोन द्वारा सुबह दी गई। कॉलेज के इस रवैये से नाराज सुबह व शाम की पाली में पेपर देने वाली 500 छात्राओं ने परीक्षा देने से इनकार कर दिया।
वीएमएलजी कॉलेज की महामंत्री, दीपांशी त्यागी ने बताया पहले 28 जनवरी की परीक्षा रद्द होने की सूचना दी जाती है, फिर अचानक सुबह पेपर होने की। कॉलेज में कोई सिटिंग अरेंजमेंट न होने व एडमिट कार्ड न मिलने से छात्राओं ने पेपर देने से इनकार कर दिया।
वहीं, एमएमएच कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षा शुरू होने की छात्रों को कोई जानकारी नहीं थी। एकाएक सूचना मिलने पर छात्र कॉलेज पहुंचे। क्लास रूम में पेपर लेने के लिए कॉलेज के चपरासी व क्लर्कों को लगाया गया था। ऐसे में सभी छात्रों ने परीक्षाएं देने से इनकार कर दिया।
‘कॉलेज ने परीक्षाएं कराने की पूरी तैयारी कर ली थी। छात्राओं ने खुद ही विरोध जताकर परीक्षाएं देने से इंकार कर दिया।’ - डॉ. अंजलि गुप्ता, प्राचार्या वीएमएलजी
‘कॉलेज ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन स्टूडेंट ही परीक्षाओं से वॉक आउट का गए।’
- डॉ. आरएम जोहरी, प्राचार्य, एमएमएच कॉलेज