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गाजियाबाद। फूलवती का गुनाह उसकी उम्र पर भारी पड़ गया। 98 साल की उम्र में उम्रकैद की सजा सुनकर फूलवती कुछ विचलित दिखी फिर खुद को संभाल लिया। पुत्रवधू से बीडी का बंडल मांगा और पुलिसकर्मियों के साथ डासना जेल चली गई। बृहस्पतिवार को गवाह और सबूत के मद्देनजर एडीजे-11 सर्वेश चंद्र पाण्डेय की कोर्ट ने फूलवती और उसके बेटे को कातिल करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वृद्धा के परिजन अब हाईकोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। सरकारी वकील जगमोहन शर्मा का कहना है कि 17 साल पहले जिस समय बालकराम की हत्या हुई उस समय भी फूलवती की उम्र 81 साल रही होगी। कई बार उसकी उम्र को देखकर उन्हें रहम आता था। मगर उसका अपराध इतना वीभत्स था कि रौंगटे खड़े होते थे। एक व्यक्ति की पत्नी से पहले रेप किया जाना और फिर रिपोर्ट वापस न लेने पर उस व्यक्ति को चारपाई से बांधकर जिंदा जला देने का आरोप फूलवती और उसके बेटे सतवीर पर था।
पूरे प्रैक्टिस काल में पहली बार ऐसा हुआ है। सेशन कोर्ट ने सबूत और गवाह को ध्यान में रखकर सही फैसला सुनाया है। हालांकि वृद्धा की उम्र को देखते हुए हाईकोर्ट में अपील से उसे कुछ राहत मिल सकती है।’ - शिवदत्त त्यागी, पूर्व बार अध्यक्ष
डासना जेल में इस समय ऐसे करीब 10 बंदी हैं, जिनकी उम्र 65 से 70 साल के बीच है। 98 साल का कोई बंदी पहली बार उनकी जेल में आया है। - डा. वीरेश राज शर्मा, जेल अधीक्षक
गाजियाबाद। फूलवती का गुनाह उसकी उम्र पर भारी पड़ गया। 98 साल की उम्र में उम्रकैद की सजा सुनकर फूलवती कुछ विचलित दिखी फिर खुद को संभाल लिया। पुत्रवधू से बीडी का बंडल मांगा और पुलिसकर्मियों के साथ डासना जेल चली गई। बृहस्पतिवार को गवाह और सबूत के मद्देनजर एडीजे-11 सर्वेश चंद्र पाण्डेय की कोर्ट ने फूलवती और उसके बेटे को कातिल करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वृद्धा के परिजन अब हाईकोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। सरकारी वकील जगमोहन शर्मा का कहना है कि 17 साल पहले जिस समय बालकराम की हत्या हुई उस समय भी फूलवती की उम्र 81 साल रही होगी। कई बार उसकी उम्र को देखकर उन्हें रहम आता था। मगर उसका अपराध इतना वीभत्स था कि रौंगटे खड़े होते थे। एक व्यक्ति की पत्नी से पहले रेप किया जाना और फिर रिपोर्ट वापस न लेने पर उस व्यक्ति को चारपाई से बांधकर जिंदा जला देने का आरोप फूलवती और उसके बेटे सतवीर पर था।
पूरे प्रैक्टिस काल में पहली बार ऐसा हुआ है। सेशन कोर्ट ने सबूत और गवाह को ध्यान में रखकर सही फैसला सुनाया है। हालांकि वृद्धा की उम्र को देखते हुए हाईकोर्ट में अपील से उसे कुछ राहत मिल सकती है।’ - शिवदत्त त्यागी, पूर्व बार अध्यक्ष
डासना जेल में इस समय ऐसे करीब 10 बंदी हैं, जिनकी उम्र 65 से 70 साल के बीच है। 98 साल का कोई बंदी पहली बार उनकी जेल में आया है। - डा. वीरेश राज शर्मा, जेल अधीक्षक