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नई दिल्ली। वसंत विहार गैंग रेप मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी की अर्जी खारिज हो गई है। जनता पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाने की मांग की थी।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) में अर्जी दायर की थी। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी, लेकिन जेजेबी में अर्जी विचाराधीन होने के कारण हाईकोर्ट ने उन्हें वापस भेज दिया था। अर्जी पर सुनवाई के दौरान स्वामी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 83 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आरोपी जिसकी आयु 12 साल से अधिक है और जो मानसिक तौर पर परिपक्व है, उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है। जेजे एक्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून बेहद मामूली अपराध में पकड़े जाने वाले उन नाबालिगों के लिए बना था जो पूरी तरह परिपक्व नहीं हैं और जिन्हें समझ नहीं है। स्वामी ने कहा कि जो अपराधी दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम दे रहा है, वह नासमझ नहीं हो सकता। इसलिए नाबालिग आरोपी के मुकदमे की सुनवाई भी अन्य आरोपियों के साथ सत्र न्यायालय में होनी चाहिए। स्वामी के तर्क सुनने के बाद जेजेबी ने बुधवार को अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन बृहस्पतिवार को उनकी अर्जी खारिज दी। जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जगदीश शेट्टी ने कहा कि उन्हें सोमवार को आदेश की कॉपी मिलेगी। इसके बाद स्वामी हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर करेंगे।
अवमानना कार्रवाई की दी चेतावनी
नई दिल्ली। अभियोजन पक्ष ने बचाव पक्ष के वकीलों के हवाले से मीडिया में छप रही खबरों का हवाला देते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का आग्रह किया। अदालत ने भी इस तथ्य को गंभीरता से लिया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश योगेश खन्ना ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद मीडियाकर्मियों को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह आदेश न्यायिक आदेश है। अदालत के इस आदेश के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने भी आज सुनवाई की जानकारी देने में परहेज किया।
मुख्यमंत्री ने गैंगरेप पीड़िता के पिता को दिया 15 लाख
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बृहस्पतिवार को सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के पिता को 15 लाख रुपए का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि परिवार को इस त्रासदी से उबरने की हर संभव मदद की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर पीड़िता के परिजनों के साथ पश्चिमी दिल्ली के सांसद महाबल मिश्रा भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पीड़िता के परिवार को एक फ्लैट देने पर विचार करेगी। साथ ही परिवार के दोनों बेटों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इस मौके पर पीड़िता के पिता ने अपने घर के पास महावीर इंक्लेव से शराब का ठेका बंद करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
नई दिल्ली। वसंत विहार गैंग रेप मामले में नाबालिग आरोपी के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी की अर्जी खारिज हो गई है। जनता पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाने की मांग की थी।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) में अर्जी दायर की थी। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी, लेकिन जेजेबी में अर्जी विचाराधीन होने के कारण हाईकोर्ट ने उन्हें वापस भेज दिया था। अर्जी पर सुनवाई के दौरान स्वामी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 83 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा कोई भी आरोपी जिसकी आयु 12 साल से अधिक है और जो मानसिक तौर पर परिपक्व है, उस पर सत्र न्यायालय में मुकदमा चलाया जा सकता है। जेजे एक्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून बेहद मामूली अपराध में पकड़े जाने वाले उन नाबालिगों के लिए बना था जो पूरी तरह परिपक्व नहीं हैं और जिन्हें समझ नहीं है। स्वामी ने कहा कि जो अपराधी दुष्कर्म जैसे अपराध को अंजाम दे रहा है, वह नासमझ नहीं हो सकता। इसलिए नाबालिग आरोपी के मुकदमे की सुनवाई भी अन्य आरोपियों के साथ सत्र न्यायालय में होनी चाहिए। स्वामी के तर्क सुनने के बाद जेजेबी ने बुधवार को अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन बृहस्पतिवार को उनकी अर्जी खारिज दी। जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जगदीश शेट्टी ने कहा कि उन्हें सोमवार को आदेश की कॉपी मिलेगी। इसके बाद स्वामी हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर करेंगे।
अवमानना कार्रवाई की दी चेतावनी
नई दिल्ली। अभियोजन पक्ष ने बचाव पक्ष के वकीलों के हवाले से मीडिया में छप रही खबरों का हवाला देते हुए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का आग्रह किया। अदालत ने भी इस तथ्य को गंभीरता से लिया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश योगेश खन्ना ने बंद कमरे में सुनवाई के बाद मीडियाकर्मियों को सुनवाई में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह आदेश न्यायिक आदेश है। अदालत के इस आदेश के बाद बचाव पक्ष के वकीलों ने भी आज सुनवाई की जानकारी देने में परहेज किया।
मुख्यमंत्री ने गैंगरेप पीड़िता के पिता को दिया 15 लाख
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बृहस्पतिवार को सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता के पिता को 15 लाख रुपए का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि परिवार को इस त्रासदी से उबरने की हर संभव मदद की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर पीड़िता के परिजनों के साथ पश्चिमी दिल्ली के सांसद महाबल मिश्रा भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पीड़िता के परिवार को एक फ्लैट देने पर विचार करेगी। साथ ही परिवार के दोनों बेटों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ रोजगार उपलब्ध कराने में मदद करेगी। इस मौके पर पीड़िता के पिता ने अपने घर के पास महावीर इंक्लेव से शराब का ठेका बंद करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।