फखरू मियां की कारीगरी
गाजियाबाद। यह फखरू मियां की कारीगरी और उनकी पहरेदारी का ही कमाल है, जो 100 साल पुराना अंग्रेजी शाही रथ अब भगवान राम की राह देख रहा है। राम की लीला शुुरू होते ही उनके हाईटेक स्वंयवर की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
भगवान राम की बारात के लिए एक सदी से भी अधिक समय से सुल्लामल रामलीला कमेटी अंग्रेजों के जमाने के शाही रथ को सहेजे हुए हैं। रामलीला के मंचन, हाईटेक इंतजामों के बीच इतने पुराने रथ पर जब भगवान राम बारात लेकर निकलते हैं तो उनकी पद रज लेने को पूरा शहर उमड़ता है। अबकी सीता स्वयंयवर और राम बारात 16 अक्तूबर है। राम बारात में 101 सवारी होती हैं। इनमें भगवान राम के लिए शाही रथ तैयार रखने का काम पूरे साल सराय नजर अली के फ खरू मियां देखते हैं। उनका खानदान अंग्रेजों केजमाने से इस जिम्मेदारी को निभा रहा है। पहले पिता हबीब मियां यह काम करते थे तो अब फखरू मियां। कहते हैं कि मेरे हाथों से राम रथ की सेवा करते-करते मेरे मन में भी राम लीला समा गई है।