दिलशाद गार्डन टू नया बस अड्डा रूट के लिए जमीन पर आने लगा प्रोजेक्ट वर्क
गाजियाबाद। सेकेंड फेज यानी दिलशाद गार्डन टू नया बस अड्डा तक मेट्रो लाने की कवायद तेज हो गई है। रास्ते में पड़ने वाले मेट्रो स्टेशनों की सुविधाओं के आकलन को मेट्रो रूट का इकोनॉमिक-सोशल सर्वे शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार जर्मन कंसलटेंट एजेंसी फिशनर सर्वे वर्क में जुट गई है। अफसरों का कहना है कि सर्वे के जरिए इस रूट से जुड़े यात्रियों के सामाजिक और आर्थिक पहलुओं की जानकारी जुटाई जाएगी। इसी आधार पर स्टेशनों और यात्रियों से जुड़ी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मेट्रो प्रोजेक्ट में यह सर्वे अहम साबित होगा।
अफसरों के मुताबिक, दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक मेट्रो रूट पर सात स्टेशन प्रस्तावित हैं। सर्वे एजेंसी रूट के दोनों तरफ बसी कालोनियों और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मेट्रो से जुड़ी जानकारियां जुटाएगी। इसमें क्षेत्रीय लोगों की आर्थिक स्थिति का विशेष रूप से अध्ययन किया जाएगा। फर्म यह पता लगाएगी कि मेट्रो के संभावित यात्रियों में कितनों के पास दो पहिया और कितनों के पास चार पहिया वाहन है? कितने यात्री ऑटो-रिक्शा आदि सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करते हैं? इसके अलावा क्षेत्र में रहने वालों का सामाजिक अध्ययन भी किया जाएगा। इसके अंतर्गत आबादी में स्टूडेंट्स, व्यवसायी, कामकाजी महिलाओं, सीनियर सिटीजन आदि की जानकारी जुटाई जाएगी।
जीडीए उपाध्यक्ष संतोष यादव ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक सर्वे मेट्रो प्लानिंग का अहम हिस्सा है। इसी से पता लगेगा कि किस स्टेशन के लिए कितनों की क्षमता वाली पार्किंग आदि की जरूरत होगी। सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों की संख्या अधिक आंकी जागी जाएगी तो फीडर बसों के संचालन पर भी विचार किया जाएगा। सर्वे के बाद मेट्रो स्टेशनों पर सुविधाएं विकसित करने में भी मदद मिलेगी।