चुनाव के कारण परीक्षार्थियों को हुई काफी मुश्किल
मेरठ/गाजियाबाद। यूजीसी नेट के परीक्षार्थी रविवार को कई इम्तिहान से गुजरे। सबसे पहले चुनाव की वजह से यातायात व्यवस्था ठप होने के कारण सेंटरों तक पहुंचने में काफी मुश्किल झेलनी पड़ी। परीक्षार्थियों को रिक्शा तक नहीं मिल पाया। इसके बाद तेज गर्मी में 41 डिग्री के तापमान ने उनकी परीक्षा ली। पंखे में भी पसीना सूख नहीं पाया। बाजार बंद था, इस वजह से परीक्षा देने वालों को खाने पीने तक के लाले पड़ गए।
गाजियाबाद से नेट परीक्ष्ाा देने के लिए करीब 2000 के करीब परीक्ष्ाार्थी मेरठ पहुंचे थे। परीक्षार्थियों के साथ आए परिजनों को भी मुश्किलों से जूझना पड़ा। शहर में बनाए 23 सेंटरों पर 16 हजार 896 को परीक्षा देनी थी, करीब 22 प्रतिशत परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। निकाय चुनाव और यूजीसी नेट की तारीख टकराने से मुश्किलों का अहसास पहले ही हो गया था। लखनऊ में चुनाव की तिथि नेट को ध्यान में रखकर बदल दी गई, लेकिन यहां मेरठ में तीन सेंटर (आरजी इंटर कालेज, आरजी डिग्री कालेज, सरदार पटेल इंटर कालेज) बदलकर परीक्षा कराने का फैसला प्रशासन ने लिया। बदले गए सेंटर क्रमश: जीआईसी, दधीचि कालेज आफ हायर एजूकेशन और त्रिशला देवी कनोहर लाल कन्या इंटर कालेज पर परीक्षार्थी को पहुंचने में काफी दिक्कत आई।
रिक्शा तक नहीं मिला
चुनाव की वजह से बाजार और यातायात व्यवस्था ठप होने से परीक्षार्थी और उनके परिजन परेशान रहे। बस, टेंपो और रिक्शा तक नहीं मिल सके। सेंटरों पर पहुंचने में पसीने छूट गए। पेपर की पहली शिफ्ट सुबह साढ़े नौ बजे से 12 बजे तक थी। कुछ सेंटरों को छोड़ दिया जाए तो बाकी में खाने, पीने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।
छूट गई परीक्षा
पांचली खुर्द निवासी निरंजन सिंह को राजनीति शास्त्र विषय से नेट इस्माईल डिग्री कालेज में देना था, लेकिन उनके एडमिट कार्ड पर एसडी सदर इंटर कालेज सेंटर की मुहर लगी थी। वे केंद्रों के चक्कर लगाते रहे और परीक्षा छूट गई। गाजियाबाद से आई रेखा शर्मा का सेंटर सीजेडीएबी इंटर कालेज था। रेखा के एडमिट कार्ड पर भी गलत सेंटर की मुहर थी, वह विश्वविद्यालय में बनाए कंट्रोल रूम पहुंची। एडमिट कार्ड बनाकर उसे करीब एक घंटा देरी से बैठने की इजाजत दी गई। इस तरह के और भी मामले रहे। मुजफ्फरनगर से आए वीपी सिंह को बदले गए सेंटर दधीचि कालेज होने की जानकारी नहीं थी, सेंटर तक पहुंचने में वे आधा घंटा लेट हो गए।