मोदीनगर। चेत जाइये! वरना नगर के लोग बंूद-बंूद पेयजल के लिए तरसेंगे। पानी की बर्बादी और जल संरक्षण पर ध्यान नहीं देने से नगर क्षेत्र का जलस्तर तेजी से घट रहा है। पिछले पांच वर्षों में मोदीनगर का जलस्तर दस फुट नीचे चला गया है। हर वर्ष औसत दो फुट नीचे जा रहे जल स्तर को स्थिर रखने के लिए पालिका और जलनिगम के पास कोई योजना नहीं है। इससे समस्या अधिक विकट हो रही है। अब घटते जलस्तर का असर भी सामने आने लगा है। नगर क्षेत्र में लगे अधिकांश सरकारी नलों से पानी आना काफी हद तक कम हो गया है। वहीं पानी नहीं आने से कई नलों की गहराई को बढ़ाया जा रहा है।
पांच वर्ष में कितना घटा जलस्तर
वर्ष 2007 में नगर के मध्य क्षेत्र का जलस्तर 25-27 फुट नीचे था
वर्ष 2008 में 28-30 फुट नीचे सरका
वर्ष 2009 में 30-32 फुट तक पहुंच गया
वर्ष 2010 में 32-34 फुट नीचे गया
वर्ष 2011 में 34-36 फुट नीचे दर्ज किया गया
नगर क्षेत्र में जलस्तर की स्थिति
नगर का गोविंदपुरी क्षेत्र भूगर्भ जलस्तर के मामले में सबसे अधिक धनवान है। जबकि मोदी मंदिर क्षेत्र सबसे अधिक गरीब है।
क्षेत्र सामान्य दिन गर्मियों में बरसात में
गोविंदपुरी 25 से 35 फुट 35 से 45 फुट 20 से 30 फुट
मध्य क्षेत्र 35 से 45 फुट 45 से 55 फुट 30 से 40 फुट
मोदी मंदिर क्षेत्र 60 से 70 फुट 70 से 80 फुट 45 से 55 फुट
घटते जलस्तर से सबसे
ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
उमेश पार्क
कृष्णा नगर
मदनपुरा
रेलवे रोड
सुरेश पार्क
नगर की जल व्यवस्था पर एक नजर
नगर में नल कनेक्शन - 13500
सरकारी हैंड पंप - 580
चालू हालत में ओवर हेड टैंक - 3
पालिका के नलकूपों की संख्या- 16
जलनिगम के ओवर हेड टैंक- 7 (टेस्टिंग हालत में)
जल निगम के नलकूपों की संख्या- 18 (टेस्टिंग हालत में)
प्रतिव्यक्ति पानी की उपलब्धता- 135 ली. प्रति दिन
पानी को लेकर शिकायतें- प्रतिदिन 15 से 20
(सभी आंकडे़ नगरपालिका के रिकार्ड में मुताबिक हैं)
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पालिका में जलकल विभाग के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा के अनुसार नगर पालिका पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। इसके अलावा मिलने वाली शिकायतों को भी समय रहते निपटाया जा रहा है। भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है।
मोदीनगर। चेत जाइये! वरना नगर के लोग बंूद-बंूद पेयजल के लिए तरसेंगे। पानी की बर्बादी और जल संरक्षण पर ध्यान नहीं देने से नगर क्षेत्र का जलस्तर तेजी से घट रहा है। पिछले पांच वर्षों में मोदीनगर का जलस्तर दस फुट नीचे चला गया है। हर वर्ष औसत दो फुट नीचे जा रहे जल स्तर को स्थिर रखने के लिए पालिका और जलनिगम के पास कोई योजना नहीं है। इससे समस्या अधिक विकट हो रही है। अब घटते जलस्तर का असर भी सामने आने लगा है। नगर क्षेत्र में लगे अधिकांश सरकारी नलों से पानी आना काफी हद तक कम हो गया है। वहीं पानी नहीं आने से कई नलों की गहराई को बढ़ाया जा रहा है।
पांच वर्ष में कितना घटा जलस्तर
वर्ष 2007 में नगर के मध्य क्षेत्र का जलस्तर 25-27 फुट नीचे था
वर्ष 2008 में 28-30 फुट नीचे सरका
वर्ष 2009 में 30-32 फुट तक पहुंच गया
वर्ष 2010 में 32-34 फुट नीचे गया
वर्ष 2011 में 34-36 फुट नीचे दर्ज किया गया
नगर क्षेत्र में जलस्तर की स्थिति
नगर का गोविंदपुरी क्षेत्र भूगर्भ जलस्तर के मामले में सबसे अधिक धनवान है। जबकि मोदी मंदिर क्षेत्र सबसे अधिक गरीब है।
क्षेत्र सामान्य दिन गर्मियों में बरसात में
गोविंदपुरी 25 से 35 फुट 35 से 45 फुट 20 से 30 फुट
मध्य क्षेत्र 35 से 45 फुट 45 से 55 फुट 30 से 40 फुट
मोदी मंदिर क्षेत्र 60 से 70 फुट 70 से 80 फुट 45 से 55 फुट
घटते जलस्तर से सबसे
ज्यादा प्रभावित क्षेत्र
उमेश पार्क
कृष्णा नगर
मदनपुरा
रेलवे रोड
सुरेश पार्क
नगर की जल व्यवस्था पर एक नजर
नगर में नल कनेक्शन - 13500
सरकारी हैंड पंप - 580
चालू हालत में ओवर हेड टैंक - 3
पालिका के नलकूपों की संख्या- 16
जलनिगम के ओवर हेड टैंक- 7 (टेस्टिंग हालत में)
जल निगम के नलकूपों की संख्या- 18 (टेस्टिंग हालत में)
प्रतिव्यक्ति पानी की उपलब्धता- 135 ली. प्रति दिन
पानी को लेकर शिकायतें- प्रतिदिन 15 से 20
(सभी आंकडे़ नगरपालिका के रिकार्ड में मुताबिक हैं)
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पालिका में जलकल विभाग के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा के अनुसार नगर पालिका पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए हुए हैं। इसके अलावा मिलने वाली शिकायतों को भी समय रहते निपटाया जा रहा है। भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है।