एनआरएचएम घोटाला
कागजों में चल रही थीं एक सौ पचास फर्जी कंपनियां
शुरूआती जांच में हुई 45 करोड़ के घोटाले की पुष्टि
गाजियाबाद। एनआरएचएम घोटाले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और पूर्व एमएलसी आरपी जायसवाल के खिलाफ सीबीआई ने बृहस्पतिवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। अभी तक की जांच में सीबीआई 45 करोड़ के घोटाले की जांच पूरी कर चुकी है। आरोपियों को अदालत ने 14 जून तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा।
ब़ृहस्पतिवार दोपहर सीबीआई टीम नेे विशेष न्यायाधीश डा. एके सिंह की अदालत में चार्जशीट दाखिल की। एफआईआर संख्या आरसी-1ई/2012 में दाखिल इस चार्जशीट में सीबीआई ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने मिशन के तहत काम के ठेके अपने चहेते और करीबी ठेकेदारों को दिलाए। कमीशन की रकम कोलकाता और मुंबई की ऐसी कंपनियों में इन्वेस्ट कराई, जोकि सिर्फ कागजों में ही चल रही थीं। सीबीआई ने ऐसी करीब डेढ़ सौ कंपनियों का पता लगाया है। इन फर्जी कंपनियों में घूमता हुआ पैसा अंत में पूर्व मंत्री और एमएलसी अपने चहेते या रिश्तेदार की कंपनी में इन्वेस्ट करा लेते थे। जहां से चेक से एक नंबर की रकम का भुगतान होता था।
पैकफेड के पूर्व एमडी समेत 4 कोर्ट में पेश
एनआरएचएम घोटाले में गिरफ्तार पैकफेड के पूर्व एमडी समेत 4 लोगों को बृहस्पतिवार को सीबीआई विशेष कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 4 जून तक रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया है। पैकफेड के पूर्व एमडी वीके चौधरी, मुख्य अभियंता एमएम त्रिपाठी, सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर एके श्रीवास्तव और असिस्टेंट इंजीनियर विपुल कुमार गुप्ता को सीबीआई विशेष न्यायाधीश डा. एके सिंह की अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को 4 जून तक पूछताछ के लिए सीबीआई को सौंप दिया। उधर घोटाले में आरोपियों आईएएस प्रदीप शुक्ला, जल निगम कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन के प्रोजेक्ट मैनेजर बीएन श्रीवास्तव, बीएनराम यादव, जेके सिंह, जल निगम केएमडी पीके जैन, कटार सिंह, और कारोबारी नरेश ग्रोवर व आरके सिंह को भी सीबीआई ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी की न्यायिक हिरासत बढ़ाते हुए 14 जून को पेश होने आदेश दिए हैं।