कांशीराम आवासीय योजना फिर जांच के दायरे में
गाजियाबाद। आवंटन में धांधली की शिकायत के बाद प्रशासन ने कांशीराम शहरी गरीब आवासीय योजना सेकेंड फेस हर आवंटी की जांच कराने का फैसला किया है। एडीएम सिटी ने जांच के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम फाइनल कर दी है। जांच के बाद फर्जी प्रमाणपत्र या फिर दलालों के बूते मकान हासिल करने वालों के आवंटन निरस्त होंगे। एफआईआर दर्ज कराने की भी प्लानिंग है।
जीडीए ने मधुबन बापूधाम में कांशीराम आवासीय योजना के तहत 1504 आवास बनाए थे। इन मकानों का आवंटन पिछले साल दिसंबर में चुनाव आचार संहिता लगने से पहले किया गया था। इसके आवंटन में धांधली की शिकायत शासन से की गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी आवंटन के खिलाफ याचिका डाली गई। शासन ने गाजियाबाद प्रशासन के मकान आवंटन की जांच कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। एडीएम सिटी केके चौधरी ने जांच अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर ली है। इसमें उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, डीआईओएस, बीएसए, जिला उद्यान अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अधिशासी अभियंता आरईएस, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला सेवायोजन अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, जिला गन्ना अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, डीडीओ, एआर कॉपरेटिव और डीआरडीए के पीडी शामिल हैं।