डीपीएच में पूर्व मंत्री के भाई का रोड़ा हटा, मोनोपोल लगाने का काम शुरू
गाजियाबाद। महानगर को 20 दिन में 20 घंटे की विद्युत आपूर्ति मिलने लगेगी। अमर उजाला की मुहिम के चलते डीपीएच 132 केवीए सब स्टेशन को शुरू करने में प्रदेश के पूर्व मंत्री के भाई का रोड़ा हट गया है। पावर कारपोरेशन ने बुधवार को राजनगर एक्सटेंशन में मोनोपोल की फाउंडेशन बनाने का काम शुरू कर दिया। दावा किया जा रहा है कि महज 20 दिन में 80 एमवीए क्षमता के डीपीएच सब स्टेशन को शुरू कर दिया जाएगा। जनवरी 2012 से राजनगर एक्सटेंशन में तीन मोनोपोल नहीं लगने दिए जा रहे थे। जिससे मुरादनगर से डीपीएच तक लाइन नहीं आ रही थी। काम अटका पड़ा था, 20 लाख की आबादी पूर्व मंत्री के भाई की दबंगई का खामियाजा भुगत रही थी।
दूर हुआ इकला का गिला
अमर उजाला की मुहीम रंग लाई और इकला में आखिर उजाला हो सका। मंगलवार को इकला का गिला दूर हो गया। गांव में 160 ट्रांसफार्मर पहुंच गया और गांव वासियों में खुशी छा गई। डासना क्षेत्र के गांव इकला में 100 एमवीए का ट्रांसफार्मर एक महीने पहले फुंक गया था, जिसके बाद से बदला ही नहीं गया। अमर उजाला ने गांव की समस्या को प्रमुखता से उठाया और जेई की मनमानी को सामने लाए। गांव वासियों ने बिजली की समस्या दूर करने के लिए अमर उजाला को धन्यवाद दिया है। मंच के संयोजक टीकम नागर ने बताया पावर कारपोरेशन ने आश्वासन दिया है कि 160 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है।
20 घंटे आपूर्ति डीपीएच करेगा संभव
अधीक्षण अभियंता (ट्रांसमिशन) वीके जैन ने बताया कि आरएस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ने काम शुरू कर दिया है। पोल की फाउंडेशन तैयार करने में 2 दिन, तराई में एक हफ्ता, मोनोपोल खड़ा करने में एक दिन और तार को खींचने में करीब 10 दिन लाइन को डीपीएच तक मोनोपोल के जरिए खींचने में लगेंगे।
मार रही ८ से ९ घंटे की कटौती
गाजियाबाद/वैशाली। न दिन में चैन और न रात में आराम। छह घंटे की घोषित कटौती के अलावा आठ से नौ घंटे की कटौती ने लोगों परेशान कर रखा है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है कटौती के घंटे बढ़ते जा रहे हैं। गाजियाबाद और ट्रांस हिंडन में एक सा हाल है। बिजली की मांग एक हजार मेगावाट का आंकड़ा पार कर चुकी है।ओवर लोडिंग से लाइन ट्रिप हो रही हैं। बढ़ते लोड को संभालना मुश्किल हो गया है। एक बाद लाइन ट्रिप होने पर आधे घंटे से पहले लाइट नहीं आती है। अधीक्षण अभियंता (गाजियाबाद) अरुण कुमार ने बताया कि आपूर्ति को बेहतर करने के प्रयास जा रही है।