टैंकर ड्राइवरों की हड़ताल से सिलेंडरों का टोटा, एजेंसियों पर कम आ रही गाड़ियां
गाजियाबाद सप्लाई में हो रही कटौती, ट्रक जा रहे उत्तराखंड
गैस किल्लत से जूझ रहा है शहर, उपभोक्ता परेशान
गाजियाबाद/साहिबाबाद। छह दिन से जारी एलपीजी टैंकर चालकों की हड़ताल ने मुरादाबाद, हरिद्वार, देहरादून ही नहीं, गाजियाबाद में भी कुकिंग गैस के लिए हाहाकर मचा दिया है। गैस प्लांट से टैंकर तो निकल नहीं पा रहे, इसलिए उनकी जगह गाजियाबाद की सप्लाई में कटौती कर सिलेंडर से लदे ट्रक बाहर भेजे जा रहे हैं। इसकी वजह से यहां की ज्यादातर गैस एजेंसियों पर पर्याप्त सिलेंडर सप्लाई नहीं हो पा रही।
महानगर में पांच लाख से अधिक एलपीजी उपभोक्ता हैं। उनकी गैस जरूरत पूरी करने को 25 गैस एजेेंसियां हैं। लोनी प्लांट से जुड़े एलपीजी टैंकर चालकों की हड़ताल के साइड इफेक्ट यहां साफ देखे जा रहे हैं। हड़ताल का असर आईओसीएल प्लांट पर बताया जा रहा है। एचपीसीएल और बीपीसीएल गैस प्लांट अफसरों का कहना है कि उनके यहां सब कुछ सामान्य चल रहा है।
वहीं, महानगर में हर तरफ उपभोक्ता आरोप लगा रहे हैं कि एजेंसियों पर उनको घंटों इंतजार के बाद भी गैस नहीं दी जा रही। गैस किल्लत के बाद भी होटलों और ढाबों में कुकिंग सिलेंडर चलते देखे जा रहे हैं।
32 से 35 दिन में मिल रहे हैं गैस सिलेंडर
मोदीनगर। एलपीजी गैस टैंकर चालक संघ की हड़ताल का कुछ असर मोदीनगर में भी देखने को मिल रहा है। एजेंसी संचालकों का मानना है कि हड़ताल जारी रही तो आने वालों दिनों में गैस की भारी दिक्कत उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ सकती है। इंडे गैस एजेंसी संचालक हरीश जयंत का कहना है कि अभी तक स्थिति काबू में है। रोजाना दो ट्रक भरकर सिलेंडर आ रहे है। वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि गैस की किल्लत है। 21 दिन में बुकिंग के बाद सिलेंडर देने का नियम है लेकिन सिलेंडर 32 से 35 दिन में मिल पा रहे हैं।