शालीमार गार्डन के बंद फ्लैट में अकेले वृद्ध की लाश मिलने से सनसनी
वैशाली। अपनों से बहुत दूर एकाकी जिंदगी जीते बुजुर्ग कमलेश हिंगुरानी की सांसें कब थम गईं, शालीमार गार्डन में किसी को पता नहीं लगा। रहने वाले तो सिंध, पाकिस्तान के थे मगर बंटवारे के समय भारत आ गए थे। वो यहां अकेले थे और अविवाहित भी। जो भी रिश्तेदार हैं, सब अमेरिका में। बंद फ्लैट के अंदर से दुर्गंध फूटी तो आशंकित पड़ोसियों ने थाने खबर की। दरवाजा तोड़कर पुलिस फ्लैट में घुसी तो अंदर हिंगुरानी की बेजान देह पड़ी मिली। मिस्टर हिंगुरानी की मौत कैसे और कब हुई, इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, कमलेश हिंगुरानी (60) करीब डेढ़ साल से शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2 के फ्लैट संख्या-ए-15 में रह रहे थे। बुढ़ापे की वजह से जब-तब ही बाहर निकलते थे। पड़ोसियों से उनका रिश्ता दुआ-सलाम तक ही सीमित था। जब भी मिलते थे तो चेहरे पर मुस्कराहट नजर आती थी। उनकी बहन अमेरिका में बताई जाती हैं। भाई भी विदेश में बताए जाते हैं। कई दिन से हिंगुरानी के फ्लैट में हलचल नहीं थी। रविवार को लोगोें ने अंदर से दुर्गंध महसूस की तो दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। आशंकित होकर इंदिरापुरम थाने खबर की गई।
सूचना पर पुलिस वहां पहुंची और कुंडी तोड़कर दरवाजा खोला। बुजुर्ग कमलेश बेड पर मृत पड़े मिले। पास ही 13 मई का अखबार पड़ा था। उसके बाद के अखबार फ्लैट के बाद मिले। शव सड़ने लगा था। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि रविवार को आखिरी बार फ्लैट का दरवाजा खुला देखा था। माना जा रहा है कि कमलेश की मौत करीब एक हफ्ते पहले हुई। मौत की वजह साफ नहीं।
कमलेश की मौत की खबर पाकर दिल्ली से उनके दूर के रिश्तेदार यहां आ गए और पुलिस को उनके और परिवार के बारे में जानकारी दी। इंस्पेक्टर साहिबाबाद रामनाथ यादव ने बताया कि बुजुर्ग के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। हालात देखते हुए मामला स्वभाविक मौत या डिप्रेशन में सुसाइड का प्रतीत हो रहा है। हालांकि सही स्थिति पीएम रिपोर्ट से ही पता लगेगी।