कन्यादान : अनाथ बच्ची को रिश्तेदारों ने ठुकराया तो अंजान छोटे ने अपनाया,किए हाथ पीले
साहिबाबाद। आमिर खान सत्यमेव जयते के जरिये कन्या भ्रूण हत्या, बाल शोषण और दहेज के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। हिंदुस्तानी समाज को झकझोरती इन बुराइयों के बीच यह ख्ाबर साहिबाबाद से निकली है। बिन मां-बाप की जिस अनाथ खुशबू को अपनों ने छोड़ दिया था, उसे भजन गायक ने अपनाया। पाला-पोसा और पाई-पाई जुटाकर उसके हाथ भी पीले कर दिए।
रविवार को खुशबू की साहिबाबाद मेें शादी थी तो पूरा गांव उसमें शरीक हुआ। जिस पर जो बनी, उसी तरह से कन्यादान की रस्म निभाई। देखादेखी ग्राम्य विकास समिति भी आगे आई और विदाई में कपड़े-बर्तन दिए। गांववालों ने बताया कि खगड़िया, बिहार में खुशबू के माता-पिता सात साल पहले ही चल बस थे। तब उसकी उम्र महज 13 साल थी। रिश्तेदारों ने उसे धोखे से गाजियाबाद लाकर छोड़ दिया। यहां खुशबू साहिबाबाद गांव के भजन गायक विजेंद्र छोटे को मिल गई। उन्होंने उसे अपना लिया। खुशबू अब 20 साल की हो चली थी। विजेंद्र ने दोस्त राजवीर से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने बड़े बेटे राजमिस्त्री से उसकी शादी की हामी भर दी। और रविवार को शादी हुई।
जुल्म करती थी चाची
माता-पिता की मौत के बाद खुशबू अनाथ हो गई थी। सहारा देने की जगह मां समान चाची उस पर जुल्म और करने लगी। सगे चाचा ने उसे गाजियाबाद लाकर छोड़ दिया। यदि खुशबू को विजेंद्र नहीं मिलते तो पता नहीं क्या होता ? अब खुशबू का घर बस चुका है। सुखद जीवन के लिए खुशबू-करन को अमर उजाला की ओर से भी शुभकामनाएं।