दो दिन में और कटौती झेलने को रहिये तैयार
गाजियाबाद। बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है। लोगों की दिनचर्या इस हद तक प्रभावित हो चुकी है कि वे अब धैर्य खोने लगे हैं।
महानगर के 3.5 लाख उपभोक्ताओं को आने वाले दो दिनों में बिजली का तेज झटका लगने वाला है। प्रदेश स्तर पर पांच हजार मेगावाट बिजली घट गई है। इसका सीधा असर गाजियाबाद पर पड़ेगा। क्योंकि जब भी बिजली उत्पादन कम होता है गाजियाबाद की बिजली पहले उड़ाई जाती है। केंद्र से प्रदेश को मिलने वाली दो हजार मेगावाट बिजली भी रुक गई है। अनपरा बिजलीघर की कुछ इकाईयां बंद होने से तीन हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन घटा है। प्रदेश में 12 हजार मेगावाट की मांग पहुंच गई है, जबकि आपूर्ति के लिए महज आठ हजार मेगावाट बिजली ही है। महानगर की विद्युत मांग में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होने से लोगों का गर्मी में तपना तय है।
बिजली समस्या को तुरंत हल करें : जिलाधिकारी
गाजियाबाद। बिजली की बढ़ती मांग और बिगड़ी सप्लाई ने डीएम को टेंशन में ला दिया है। डीएम ने पावर कारपोरेशन के अधिकारियों को बिजली सप्लाई से जुड़ी समस्याओं को तत्काल सुधारने के आदेश दिए हैं। साथ ही निर्माणाधीन सबस्टेशनों में आ रही दिक्कतों को दूर करने के निर्देश भी दिए।
बुधवार को डीएम अपर्णा उपाध्याय ने कलक्ट्रेट सभागार में विकास योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में डीएम ने अफसरों से तय समय में विकास कार्य पूर्ण कराने को कहा। उन्होंने कहा कि वर्ष के अंतिम महीनों का इंतजार किए बगैर हर माह का लक्ष्य तय कर उसको हासिल करें। डीएम ने किसानों को मांग के अनुरूप खाद उपलब्ध कराने, सभी सरकारी ट्यूबवेलों का नियमित संचालन कराने और नहरों की सफाई कराने के आदेश दिए। डीएम ने जल निगम के अफसरों को सर्वे कर खराब हैंडपंपों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग, पेयजल, नगर निगम, समाज कल्याण विभाग, कृषि, पंचायत राज विभाग, शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी आदि विभागों की विकास योजनाओं की समीक्षा की।