साहिबाबाद। देश का युवा कॅरियर के लिए देश तो छोड़ना चाहता है, लेकिन हमेशा के लिए नहीं। वह अपनी मिट्टी, अपने देश के लिए कुछ करना चाहता है। कुछ ऐसा ही जज्बा लिए यूएस जा रहे गौरव कुमार जल्द ही वापस लौटकर देश में ही काम करना चाहते हैं।
बता दें कि दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) के बीटेक कंप्यूटर साइंस के अंतिम वर्ष के छात्र गौरव का यूएस की हेल्थ केयर सिस्टम बनाने वाली कंपनी ईपीआईसी में 40 लाख के सालाना पैकेज पर प्लेसमेंट हुआ है। यह पैकेज देश के छात्रों को मिलने वाले सबसे अधिक पैकेज में से एक है। देशभर के युवाओं के लिए मिसाल बने गौरव गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस क्वाटर्स में रहते हैं। उनका कहना है कि वे भले ही यूएस की कंपनी ज्वाइन कर रहे हैं। मगर पिता और दादा की तरह वे भी देश सेवा करना चाहते हैं।
मूलरूप से बागपत निवासी गौरव के दादा सुरेंद्र सिंह एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं, जबकि पिता अशोक कुमार भूषण एयरफोर्स में ही जूनियर वारंट ऑफिसर हैं। बचपन से देशभक्ति की पाठ पढ़ते आ रहे गौरव का कहना है कि जब उनको कंपनी ने सेलेक्ट किया तो सबसे पहले मन में यही ख्याल आया कि देश छोड़कर कैसे जाएंगे। पापा से फोन पर बात की तो उन्होंने यही कहा कि ऐसी अपॉर्चुनिटी मुश्किल से मिलती है। एक्सपीरियंस के लिए एक-दो साल यूएस जाओ। इसके बाद आकर देश के लिए ही काम करना। पिता के इस सुझाव से काफी राहत मिली। यूएस कंपनी से पहले गौरव का याहू में भी 10 लाख के पैकेज पर चयन हो चुका है। गौरव का लक्ष्य देश में एक ऐसी कंपनी स्थापित करना है जो माइक्रोसॉफ्ट और अन्य विदेशी कंपनियों के सॉफ्टवेयर के क्षेत्र की मोनोपॉली को समाप्त कर सके।