समाधि को लेकर वार्ता विफल
गाजियाबाद/इंदिरापुरम। वसुंधरा सेक्टर-2बी में ग्रीन बेल्ट से साधु की समाधि हटाने को लेकर सोमवार दोपहर से लेकर देर रात तक ड्रामा चला। पुलिस- प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में कई चरणों में साधु और रेजीडेंट् के बीच बातचीत बनते-बनते बिगड़ गई।
सोमवार दोपहर 12 बजे साधु और रेजीडेंट्स वसुंधरा सेक्टर-2बी में एकत्र हुए। हंगामे और बवाल की आशंका के चलते एहतियात के तौर पर सिटी मजिस्ट्रेट कर्मेन्द्र सिंह, सीओ चतुर्थ राकेश कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर इंदिरापुरम गोरखनाथ और इंस्पेक्टर लिंक रोड उपेन्द्र यादव पहले ही मौके डटे थे। साधुओं का नेतृत्व प्राचीन चंडी देवी और महादेव मंदिर, डासना के महंत यति नरसिंहा नंद सरस्वती ने किया। दूसरी तरफ वसुंधरा-2बी के रेजीडेंट थे। वार्ता के बाद दो बजे तय हुआ कि साधु गड़बड़ानंद की समाधि से शव को निकालकर डासना के प्राचीन चंडी मंदिर में उनकी समाधि बनाई जाएगी और यहां रहने वाले साधुओं को रेजीडेंट्स भविष्य में परेशान नहीं करेंगे। दोनों पक्षों के पांच-पांच लोगों के हस्ताक्षर कराए जा रहे थे कि रेजीडेंट्स में कुछ महिलाएं और साधु फैसले का विरोध करने लगे और मामला बनते-बनते बिगड़ गया। साधुओं ने समाधि हटाने को बेहद अपमानजनक बताया और गुस्साकर दोपहर सवा तीन बजे आश्रम को जस का तस छोड़कर मौके से चले गए। जब अफसर भी जाने लगे तो रेजीडेंट्स ने हंगामा कर दिया। महिलाएं सिटी मजिस्ट्रेट की गाड़ी के सामने लेट गई। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि कानून किसी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। देर रात गायें गोशाला भेजी गईं। एहतियान फोर्स अब भी तैनात है।
साधुओं ने भी किया कलक्ट्रेट का घेराव
गाजियाबाद। वसुंधरा सेक्टर 2 बी में ग्रीन बेल्ट पर बनी संत समाधि को लेकर घमासान जारी है। सोमवार को दिव्य योग माया सरस्वती संस्था के नेतृत्व में साधुओं ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने एडीएम प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर नामजद लोगों पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारी संतों का कहना है कि कुछ दबंग और असामाजिक तत्वों ने आश्रम में जबरन तोड़फोड़ की। महात्मा के साथ मारपीट करने के अलावा शक्ति पीठ की मूर्तियों को भी खंडित किया। इन लोगों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बाद भी अभी तक कार्रवाई नहीं की है। एडीएम प्रशासन आरके शर्मा ने बताया कि मामला सुलझाने की कोशिश चल रही है।