प्रशासन को सता रही लॉ एंड आर्डर बिगड़ने की चिंता
दिल्ली से उत्तर प्रदेश आना ही नहीं चाहती लाखों की आबादी
दिल्ली- यूपी बार्डर को लेकर घमासान मचा हुआ है। दोनों राज्यों के अफसर सरहद की हदबंदी करने में जुटे हैं। मैनुअल पैमाइश फेल होने के बाद अब इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन मशीन की मदद ली जाएगी। दूसरी ओर बार्डर पर अफसरों की हलचल ने बाउंड्री लाइन के वाशिंदों की बेचैनी और बढ़ा दी है। तिनका-तिनका जोड़कर आशियाना बनाने वाले इन लोगों को अब राज्य बदलने का डर सता रहा है। ये लोग न तो दिल्ली छोड़ने को तैयार हैं और न यूपी। ऐसे हालात में सरहद का फैसला कैसे होगा? वहीं, जानकारों का मानना है कि सीमा विवाद सिर्फ अफसरों की समझदारी से ही सुलझ सकता है।
गाजियाबाद। दिल्ली-यूपी सीमा विवाद में लाखों की आबादी फंसी है। इनमें ज्यादातर मध्यम आय वर्ग के लोग हैं। सस्ते घर और दिल्ली के रेजीडेंट बनने के चक्कर में लोग यहां पर बसते गए। भू माफिया ने भी सीधे-साधे लोगों को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दिल्ली के सपने दिखाकर विवादित जमीनों की जमकर रकम वसूली। देखते-देखते कालोनियां विकसित हुईं। दिल्ली और यूपी के स्थानीय नेताओं ने इन्हें वोटर बनवा दिया। अब जब सरहद की नापजोख शुरू हुई तो यहां के वाशिंदे बेचैन होने लगे। कहीं कुछ गड़बड़ न हो इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों को लॉ एंड आर्डर की चिंता सता रही है। अधिकारी गोपनीय तरीके से बाउंड्री लाइन के वाशिंदों को विश्वास में लेकर नापजोख कर रहे हैं।
यहां होगा असर
दिल्ली और यूपी की सीमा पर मंडोली, सबौली, गोकुलपुर, पंचवटी कालोनी, बेहटा हाजीपुर, सादुल्लाबाद, धरोटी खुर्द, लोनी, हरमपुर, बदरपुर और पचायरा।
सुविधाओं का चक्कर
बड़ी संख्या में ऐसे लोग है जो बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं दिल्ली से ले रहे हैं और बगैर परमिट के कारोबार यूपी से चला रहे हैं।
अफसरों का ‘दर्द’
डीएम अपर्णा उपाध्याय ने सोमवार को कमिश्नर मृत्युंजय नारायण को बार्डर की पैमाइश में आ रही दिक्कतों से रूबरू कराया। डीएम ने डिमार्केशन टीम की प्रगति रिपोर्ट भी कमिश्नर को सौंप दी।
अधिकारी कहिन
दिल्ली-यूपी सीमा के निर्धारण की कार्रवाई जल्द पूरी होगी सीमा क्षेत्र में लॉ एंड आर्डर बिगड़ने की फिलहाल आशंका नहीं है। यहां के लोग डिमार्केशन टीम का सहयोग कर रहे हैं। - आरके शर्मा, एडीएम प्रशासन गाजियाबाद