गैंगरेपः सहेली के दोस्तों से छली गई नादान लड़की
भले परिवार की पढ़ी-लिखी लड़की शैतान ब्वाय फ्रेंड के मंसूबे नहीं भांप सकी। सहेली की देखा-देखी घरवालों को अंधेरे में रखने की जो उसने भूल की थी। उसी गलती ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा। कॉलेज बंक कर मॉल में मस्ती करने की उसकी आदत का ब्वाय फ्रेंड के साथ उसके पार्किंग ठेकेदार दोस्त ने गलत फायदा उठाया और उसके साथ गैंग रेप कर डाला। रेप का आरोपी ठेकेदार अब सलाखों केपीछे है तो ब्वाय फ्रेंड संदीप की तलाश में पुलिस दिन-रात किए है। दूसरी ओर, रेप की शिकार बीटेक स्टूडेंट उस दिन को कोस रही है, जब सहेली उसकी जिंदगी में आई थी।
वैशाली। गैंगरेप की छानबीन में जुटी पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं। आरोपी संदीप आैर नवाब पार्किंग ठेके में पार्टनर बताए गए हैं। एसएचओ इंदिरापुरम गोरखनाथ यादव ने बताया कि छानबीन में पता लगा है कि पीड़ित बीटेक छात्रा घर से निकलती तो कालेज जाने को थी मगर क्लास बंक कर वह अक्सर मॉल में घूमती-फिरती थी। दो माह पहले ईडीएम मॉल में उसकी दोस्ती दिल्ली की एक लड़की से हुई, जो एक कंपनी में जॉब करती थी और बाद में उसकी नौकरी छूट गई थी। पुलिस को पता लगा है कि बीटेक स्टूडेंट की सहेली परिजनों से नौकरी पर जाने की बात कहकर आती थी और पूरा दिन मॉल में गुजारने के बाद घर लौट जाती थी। पगार के बराबर पैसे उसका ब्वाय फ्रेंड देता था।
सीओ के मुताबिक, आरोपी संदीप ईडीएम मॉल में पराठा-69 के नाम से रेस्तरां चला चुका है। कुछ दिन पहले उसने रेस्तरां बंद कर दिया। रेस्तरां चलाने के दौरान ही उसकी दोस्ती दिल्ली की लड़की से हुई थी, जिसने डेढ़ माह पहले संदीप से बीटेक स्टूडेंट की फ्रेंडशिप कराई थी। सहेली अपनी रिबोंडिंग पहले ही करा चुकी थी। उसी के कहने पर बृहस्पतिवार को बीटेक स्टूडेंट रिबोंडिंग कराने गई थी।
सीओ का कहना है कि स्कार्पियो (यूपी-16 एक्स-1617) नोएडा के एक रसूखदार की है। उसने गाड़ी बेच दी थी। सेकेंड पार्टी ने भी कार का सौदा थर्ड पार्टी को कर दिया, हालांकि कागज ट्रांसफर नहीं कराए। अभी गाड़ी मालिक नवाब भाटी उर्फ नब्बू है।
सुरक्षाकर्मी बोले
महागुन मॉल के सुरक्षा अधिकारी राम सिंह का कहना है कि मॉल के -2, -3 में गार्ड तैनात रहते हैं। इसके अलावा पांच-पांच पार्किंग ब्याय रखे गए हैं, जो हर गाड़ी पर नजर रखते हैं। अगर शीशा भी खुला रह जाता है कि तो बकायदा एनाउंसमेंट करके गाड़ी मालिक को बुलाया जाता है। यह घटना कब और कैसे हुई हमें कुछ नहीं मालूम।