फीरोजाबाद। रमजान के पाक माह में अल्लाह-ताला की इबादत को बुजुर्ग, युवा ही नहीं बच्चों में भी उत्साह दिखाई दिया। बच्चे नमाज अदा करने के साथ ही घरों में तरावीह पढ़ रहे हैं। हर कोई इस मौके पर अल्लाह की दुआएं हासिल करना चाहता है।
रमजान माह को लेकर सुहागनगरी में व्यापक तैयारी की गईं। मुस्लिम क्षेत्र के बाजारों में रमजान से जुड़े पकवान के साथ ही मेवा मिष्ठान की दुकानें सजी हुई हैं। इफ्तार करने के लिए खजूर के साथ ही अन्य मौसमी फलों की आवक बढ़ी है। तड़के तीन बजे से ही सेहरी के लिए हर कोई जाग जाता है। ताकि पाक माह में कोई गलती न होेने पाए। देर रात्रि तक तरावीह सुनने का दौर चल रहा है। युवा, बुजुर्ग जहां मस्जिदों के साथ मुसाफिरखानों में पहुंच रहे हैं। वहीं महिलाएं एवं बच्चे घरों पर ही तरावीह पढ़ रहे हैं।
कटरा मोेहल्ला निवासी फरीन खान रोजे रखने के साथ ही तरावीह पढ़ रही हैं। वह पिछले कई वर्षों से रोजा रख रही हैं। फरीन कहती हैं कि अल्लाह ताला की इबादत का मौका मिला है तो हम कर रहे हैं। रमजान के पाक माह में ऐसा करने की एक दूसरे से सीख मिलती है।
हिरा खान भी नमाज अदा करने के साथ ही रोजा रख रही हैं। पाक कुरान शरीफ की आयतें पढ़ने के साथ ही अल्लाह ताला से इस मुबारक माह में गुनाहों को माफ करने के साथ ही नेक राह पर चलाने की दुआ कर रही हैं।
फेजउल्ला खान ने इस बार भी रोजे रखे। वह कहते हैं कि रमजान माह के करीब आने के साथ अंदर से ही रोजे रखने की इच्छा करती है। अल्लाह ताला ने जब हमें सीख दी है तो फिर पीछे क्यों रहें।
असरा खान रोजा रखने के साथ ही अल्लाह ताला से नेक राह पर चलाने की दुआ कर रहीं है। उन्होंने कहा कि अल्लाह इस माह में इंसान के गुनाहों की माफी देता है। प्रत्येक मुसलमान को रोजा रखने के साथ तरावीह पढ़नी चाहिए।
फीरोजाबाद। रमजान के पाक माह में अल्लाह-ताला की इबादत को बुजुर्ग, युवा ही नहीं बच्चों में भी उत्साह दिखाई दिया। बच्चे नमाज अदा करने के साथ ही घरों में तरावीह पढ़ रहे हैं। हर कोई इस मौके पर अल्लाह की दुआएं हासिल करना चाहता है।
रमजान माह को लेकर सुहागनगरी में व्यापक तैयारी की गईं। मुस्लिम क्षेत्र के बाजारों में रमजान से जुड़े पकवान के साथ ही मेवा मिष्ठान की दुकानें सजी हुई हैं। इफ्तार करने के लिए खजूर के साथ ही अन्य मौसमी फलों की आवक बढ़ी है। तड़के तीन बजे से ही सेहरी के लिए हर कोई जाग जाता है। ताकि पाक माह में कोई गलती न होेने पाए। देर रात्रि तक तरावीह सुनने का दौर चल रहा है। युवा, बुजुर्ग जहां मस्जिदों के साथ मुसाफिरखानों में पहुंच रहे हैं। वहीं महिलाएं एवं बच्चे घरों पर ही तरावीह पढ़ रहे हैं।
कटरा मोेहल्ला निवासी फरीन खान रोजे रखने के साथ ही तरावीह पढ़ रही हैं। वह पिछले कई वर्षों से रोजा रख रही हैं। फरीन कहती हैं कि अल्लाह ताला की इबादत का मौका मिला है तो हम कर रहे हैं। रमजान के पाक माह में ऐसा करने की एक दूसरे से सीख मिलती है।
हिरा खान भी नमाज अदा करने के साथ ही रोजा रख रही हैं। पाक कुरान शरीफ की आयतें पढ़ने के साथ ही अल्लाह ताला से इस मुबारक माह में गुनाहों को माफ करने के साथ ही नेक राह पर चलाने की दुआ कर रही हैं।
फेजउल्ला खान ने इस बार भी रोजे रखे। वह कहते हैं कि रमजान माह के करीब आने के साथ अंदर से ही रोजे रखने की इच्छा करती है। अल्लाह ताला ने जब हमें सीख दी है तो फिर पीछे क्यों रहें।
असरा खान रोजा रखने के साथ ही अल्लाह ताला से नेक राह पर चलाने की दुआ कर रहीं है। उन्होंने कहा कि अल्लाह इस माह में इंसान के गुनाहों की माफी देता है। प्रत्येक मुसलमान को रोजा रखने के साथ तरावीह पढ़नी चाहिए।