फीरोजाबाद। आरएसएस पदाधिकारी मनीराम पाल के अपहरण में शामिल नौ बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। यह गिरोह सवारियों को अपना शिकार बनाता था, अधिक सवारी होने पर उन्हें लूट लेता तथा अकेले सवारी मिलने पर अपहरण कर फिरौती वसूलता। पांच वारदात करने के बाद भी यह गिरोह पुलिस से बचा हुआ था। गिरोह के सदस्यों और उनकी मदद करने वाले 35 लोगों को पुलिस चिन्हित कर चुकी हैं। इस गिरोह का कोई पुलिस रिकार्ड भी अभी तक नहीं था।
30 जून को वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री आजम गढ़ निवासी मनीराम पाल का इस गैंग ने कमला नगर, आगरा से अपहरण कर लिया गया था और फिरौती मांगी थी। वह यहां आरएसएस के दो दिवसीय शिविर में शामिल होने आए थे। उनकी तलाश में यूपी के साथ मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस लगी हुई थी। दो जुलाई को मनीराम पाल अपहरणकर्ताओं को चकमा देकर उनके चंगुल से भाग आए थे तथा थाना नगला खंगर क्षेत्र में एक पुलिस चौकी पर पहुंच गए थे।
इस घटना में पुलिस ने मुकेश यादव, हरकेश ओझा निवासी कंथरी, प्रदीप कुमार निवासी नगला लोकमन थाना नसीरपुर हाल निवासी ओमनगर थाना शिकोहाबाद फीरोजाबाद, बंटी यादव निवासी विजेंद्र कालोनी, छोटू उर्फ विकास यादव निवासी आदर्श नगर, गौरव अग्रवाल, अरशद निवासी बोजिया मुहल्ला शिकोहाबाद, जयकेश उर्फ जैकी ग्राम कंथरी, राजू काछी निवासी गड़सान थाना नसीरपुर फीरोजाबाद को गिरफ्तार किया हैं।
पुलिस लाइन में आई जी आशुतोष पांडेय ने बताया कि यह गिरोह अपहरण से पहले कोई रैकी नहीं करता था और अनजान लोगों को शिकार बनाता। गिरफ्तार मुकेश यादव बीएसएफ की 52 बी बटालियन जी कंपनी त्रिपुरा में सिपाही के पद पर तैनात है और 15 दिन के अवकाश पर आया हुआ है। यह लोग आगरा के वाटर वर्क्स, भगवान टाकीज, खंदारी व सिकंदरा से सवारियों को बैठाते थे। चार पांच सवारियां होने पर उन्हें लूट लेते लेकिन अकेली सवारी मिलने पर उसका अपहरण कर लेते। इस गैंग ने छह माह में अपहरण की पांच घटनाओं को अंजाम दिया था। आई जी ने बताया कि गिरोह का सरगना उमेश यादव उर्फ शिव सिंह निवासी ग्राम गड़सान थाना नसीरपुर फीरोजाबाद अभी फरार है। इनका एक साथी छोटू उर्फ विकास यादव मैनपुरी के एक विधायक का पूर्व में चालक रहा है। शिकोहाबाद निवासी गौरव अग्रवाल बदमाशों को किराए पर कार देता था, उसके पिता एक संगठन के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। अरशद अपनी बाइक और जयकेश अपनी कार का वारदात में इस्तेमाल करता था।
फरार बदमाशों में राहुल यादव निवासी सिकंदरपुर थाना एका, सत्तोला निवासी गड़सान नसीरपुर, सचिन यादव निवासी चमरौली थाना मक्खनपुर हैं। पुलिस के अनुसार इस गिरोह से जुडे़ 35 लोगों को चिह्नित किया जा चुका हैं। इनमें भिंड निवासी उमेश की बहन और आगरा में रहे उसके परिवारीजन और राजू के परिवार के लोग भी शामिल हैं। घटना का खुलासा करने वाली टीम को आईजी आशुतोष पांडेय की ओर से 15 हजार व पुलिस महानिदेशक की ओर से 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया है। खुलासे के दौरान एसपी डाक्टर राकेश सिंह भी मौजूद रहे।
साथियों ने ही मारा सतीश को
फीरोजाबाद। आईजी जोन आगरा आशुतोष पांडेय ने बताया कि मनीरामपाल को गढ़सान में राजू काछी के घर रखा गया था उनकी रखवाली राजू की मां कस्तूरी देवी और सतीश की मां रामबेटी किया करती थी। मनीराम पाल के भागने उमेश, राहुल, सत्तोला व सचिन सतीश को पीट पीट कर मार दिया था। खून को कस्तूरीदेवी और रामबेटी ने साफ किया था। पकड़ की जानकारी सतीश के पिता आशाराम को थी। आशाराम का एक सपना था कि वह गांव में सबसे अच्छी और ऊंची हवेली बनवाएगा।
मोबाइल फोन कर लेते थे बंद
वारदात को अंजाम देने से पहले बैठक की जाती थी। घटना के लिए जाते समय सभी बदमाश आपने मोबाइल फोन बंद कर लिया करते थे। युवक के अपहरण के बाद उसके मोबाइल से ही फिरौती की रकम वसूलने के लिए बात किया करते थे। अगर अपहृत के पास मोबाइल नहीं होता तो किसी यात्री का मोबाइल लूट के बाद उसके मोबाइल से फिरौती की रकम वसूल की जाती थी।
मध्य प्रदेश ले जाना था मनीराम को
पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों का उद्देश्य मनीरामपाल की पकड़ को भिड़ में उमेश की बहन के यहां पर रखना था। भिंड़ जाने के लिए बदमाशों ने कौरारा, गढ़सान व बाह होते हुए भिड़ जाने का रास्ता अपनाया था।
कैसे आए गिरफ्त में
सोमवार सुबह पुलिस कप्तान डा. राकेश सिंह को सूचना मिली कि एक स्कार्पियो में सवार बदमाशों ने आसफाबाद चौराहे से उम्मेद अली का अपहरण करने का प्रयास किया है। कार फीरोजाबाद से शिकोहाबाद की ओर भागी है। इस पर थानाध्यक्ष रसूलपुर, क्राइम ब्रांच टीम प्रभारी, थानाध्यक्ष नसीरपुर तथा पीआरओ ने कार की घेराबंदी कर मौढ़ा गांव के समीप छह बदमाशों को कार व तमंचों के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछता के बाद बाकी बदमाशों को गिरफ्तार किया। इनके पास से स्कार्पियों, एक मारुति जेन, पल्सर और नौ तमंचे बरामद किए हैं।
इन घटनाओं का हुआ खुलासा
- 30 जून को आगरा के न्यू कमला नगर निवासी मनीरामपाल का अपहरण किया।
- दो जुलाई गांव मनीराम के भागने पर अपने साथी सतीश काछी उर्फ छंग्गा की हत्या की।
- 20 मार्च को रविशंकर टूंडला का अपहरण आगरा में सुल्तानगंज की पुलिया से किया।
- 25 जून को फिरौती नहीं मिलने पर रविशंकर की हत्या कर शव नगला कन्हई के पास फेंक दिया।
- 20 फरवरी को नेत्रपाल फीरोजाबाद का वाटर वर्क्स चौराहे से अपहरण कर फिरौती वसूली।
- 17 जनवरी को आदिल निवासी एत्मादपुर रामबाग से अपहरण कर सात लाख की फिरौती वसूली।
फीरोजाबाद। आरएसएस पदाधिकारी मनीराम पाल के अपहरण में शामिल नौ बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। यह गिरोह सवारियों को अपना शिकार बनाता था, अधिक सवारी होने पर उन्हें लूट लेता तथा अकेले सवारी मिलने पर अपहरण कर फिरौती वसूलता। पांच वारदात करने के बाद भी यह गिरोह पुलिस से बचा हुआ था। गिरोह के सदस्यों और उनकी मदद करने वाले 35 लोगों को पुलिस चिन्हित कर चुकी हैं। इस गिरोह का कोई पुलिस रिकार्ड भी अभी तक नहीं था।
30 जून को वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री आजम गढ़ निवासी मनीराम पाल का इस गैंग ने कमला नगर, आगरा से अपहरण कर लिया गया था और फिरौती मांगी थी। वह यहां आरएसएस के दो दिवसीय शिविर में शामिल होने आए थे। उनकी तलाश में यूपी के साथ मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस लगी हुई थी। दो जुलाई को मनीराम पाल अपहरणकर्ताओं को चकमा देकर उनके चंगुल से भाग आए थे तथा थाना नगला खंगर क्षेत्र में एक पुलिस चौकी पर पहुंच गए थे।
इस घटना में पुलिस ने मुकेश यादव, हरकेश ओझा निवासी कंथरी, प्रदीप कुमार निवासी नगला लोकमन थाना नसीरपुर हाल निवासी ओमनगर थाना शिकोहाबाद फीरोजाबाद, बंटी यादव निवासी विजेंद्र कालोनी, छोटू उर्फ विकास यादव निवासी आदर्श नगर, गौरव अग्रवाल, अरशद निवासी बोजिया मुहल्ला शिकोहाबाद, जयकेश उर्फ जैकी ग्राम कंथरी, राजू काछी निवासी गड़सान थाना नसीरपुर फीरोजाबाद को गिरफ्तार किया हैं।
पुलिस लाइन में आई जी आशुतोष पांडेय ने बताया कि यह गिरोह अपहरण से पहले कोई रैकी नहीं करता था और अनजान लोगों को शिकार बनाता। गिरफ्तार मुकेश यादव बीएसएफ की 52 बी बटालियन जी कंपनी त्रिपुरा में सिपाही के पद पर तैनात है और 15 दिन के अवकाश पर आया हुआ है। यह लोग आगरा के वाटर वर्क्स, भगवान टाकीज, खंदारी व सिकंदरा से सवारियों को बैठाते थे। चार पांच सवारियां होने पर उन्हें लूट लेते लेकिन अकेली सवारी मिलने पर उसका अपहरण कर लेते। इस गैंग ने छह माह में अपहरण की पांच घटनाओं को अंजाम दिया था। आई जी ने बताया कि गिरोह का सरगना उमेश यादव उर्फ शिव सिंह निवासी ग्राम गड़सान थाना नसीरपुर फीरोजाबाद अभी फरार है। इनका एक साथी छोटू उर्फ विकास यादव मैनपुरी के एक विधायक का पूर्व में चालक रहा है। शिकोहाबाद निवासी गौरव अग्रवाल बदमाशों को किराए पर कार देता था, उसके पिता एक संगठन के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। अरशद अपनी बाइक और जयकेश अपनी कार का वारदात में इस्तेमाल करता था।
फरार बदमाशों में राहुल यादव निवासी सिकंदरपुर थाना एका, सत्तोला निवासी गड़सान नसीरपुर, सचिन यादव निवासी चमरौली थाना मक्खनपुर हैं। पुलिस के अनुसार इस गिरोह से जुडे़ 35 लोगों को चिह्नित किया जा चुका हैं। इनमें भिंड निवासी उमेश की बहन और आगरा में रहे उसके परिवारीजन और राजू के परिवार के लोग भी शामिल हैं। घटना का खुलासा करने वाली टीम को आईजी आशुतोष पांडेय की ओर से 15 हजार व पुलिस महानिदेशक की ओर से 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया है। खुलासे के दौरान एसपी डाक्टर राकेश सिंह भी मौजूद रहे।
साथियों ने ही मारा सतीश को
फीरोजाबाद। आईजी जोन आगरा आशुतोष पांडेय ने बताया कि मनीरामपाल को गढ़सान में राजू काछी के घर रखा गया था उनकी रखवाली राजू की मां कस्तूरी देवी और सतीश की मां रामबेटी किया करती थी। मनीराम पाल के भागने उमेश, राहुल, सत्तोला व सचिन सतीश को पीट पीट कर मार दिया था। खून को कस्तूरीदेवी और रामबेटी ने साफ किया था। पकड़ की जानकारी सतीश के पिता आशाराम को थी। आशाराम का एक सपना था कि वह गांव में सबसे अच्छी और ऊंची हवेली बनवाएगा।
मोबाइल फोन कर लेते थे बंद
वारदात को अंजाम देने से पहले बैठक की जाती थी। घटना के लिए जाते समय सभी बदमाश आपने मोबाइल फोन बंद कर लिया करते थे। युवक के अपहरण के बाद उसके मोबाइल से ही फिरौती की रकम वसूलने के लिए बात किया करते थे। अगर अपहृत के पास मोबाइल नहीं होता तो किसी यात्री का मोबाइल लूट के बाद उसके मोबाइल से फिरौती की रकम वसूल की जाती थी।
मध्य प्रदेश ले जाना था मनीराम को
पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों का उद्देश्य मनीरामपाल की पकड़ को भिड़ में उमेश की बहन के यहां पर रखना था। भिंड़ जाने के लिए बदमाशों ने कौरारा, गढ़सान व बाह होते हुए भिड़ जाने का रास्ता अपनाया था।
कैसे आए गिरफ्त में
सोमवार सुबह पुलिस कप्तान डा. राकेश सिंह को सूचना मिली कि एक स्कार्पियो में सवार बदमाशों ने आसफाबाद चौराहे से उम्मेद अली का अपहरण करने का प्रयास किया है। कार फीरोजाबाद से शिकोहाबाद की ओर भागी है। इस पर थानाध्यक्ष रसूलपुर, क्राइम ब्रांच टीम प्रभारी, थानाध्यक्ष नसीरपुर तथा पीआरओ ने कार की घेराबंदी कर मौढ़ा गांव के समीप छह बदमाशों को कार व तमंचों के साथ गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछता के बाद बाकी बदमाशों को गिरफ्तार किया। इनके पास से स्कार्पियों, एक मारुति जेन, पल्सर और नौ तमंचे बरामद किए हैं।
इन घटनाओं का हुआ खुलासा
- 30 जून को आगरा के न्यू कमला नगर निवासी मनीरामपाल का अपहरण किया।
- दो जुलाई गांव मनीराम के भागने पर अपने साथी सतीश काछी उर्फ छंग्गा की हत्या की।
- 20 मार्च को रविशंकर टूंडला का अपहरण आगरा में सुल्तानगंज की पुलिया से किया।
- 25 जून को फिरौती नहीं मिलने पर रविशंकर की हत्या कर शव नगला कन्हई के पास फेंक दिया।
- 20 फरवरी को नेत्रपाल फीरोजाबाद का वाटर वर्क्स चौराहे से अपहरण कर फिरौती वसूली।
- 17 जनवरी को आदिल निवासी एत्मादपुर रामबाग से अपहरण कर सात लाख की फिरौती वसूली।