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फीरोजाबाद। जिले में घटती सारसों की संख्या चिंता का कारण बन गई। वन विभाग की सारसों की गणना पर यदि गौर करें तो एक वर्ष में 57 सारस घटे हैं। गत वर्ष जिले में इनकी संख्या 225 थी। वहीं इस वर्ष सारस गणना की रिपोर्ट देखें तो यह घटकर 168 रह गई। विभाग इसके पीछे गणना का काम सही ढंग से न होना भी स्वीकारता है। अब फिर से गणना हो तो संख्या बढ़ सकती है।
वन विभाग ने अक्तूबर माह में जिले में सारसों की गणना करने का काम प्रारंभ किया था। इसके लिए छह टीमों का गठन किया था। इनमें वन विभाग के गार्डों के साथ ही रेंज आफीसर तक को शामिल किया। गणना का कार्य सुबह और शाम को किया गया। तीन दिन तक चले सारस गणना के कार्य में वन विभाग की टीमों ने जिले के 53 स्थानों पर दस्तक दी। वन विभाग की टीमों ने इस दौरान 168 सारसों का चिन्हांकन किया है। वहीं वन विभाग की रिपोर्ट पर गौर करें तो गत वर्ष जिले में सारसों की संख्या 225 थी। नई गणना रिपोर्ट में सर्वाधिक 89 सारस जसराना क्षेत्र में मिले। दूसरे स्थान पर सिरसागंज क्षेत्र रहा यहां 39 सारस मिले वहीं फीरोजाबाद क्षेत्र में 16, शिकोहाबाद व टूंडला क्षेत्र में दस-दस सारस ही पाए गए। जबकि नारखी क्षेत्र में मात्र चार ही सारस मिले। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी परमानंद यादव का कहना है कि सारसों की गणना में जितनी कम आई है उतनी कम नहीं होनी चाहिए। घने कोहरे के साथ ही गणना के समय सारसों का प्रजनन काल होने के कारण यह संख्या घटी है। प्रजननकाल के दौरान कई मादा सारस अंडों के समीप ही बैठ जाती है। यही कारण है कि इनकी संख्या इतनी घटी है। उन्होंने कहा कि फीरोजाबाद ही नहीं आगरा मंडल की यही स्थिति रही। गणना रिपोर्ट में इन कारणों का भी जिक्र किया है।
फीरोजाबाद। जिले में घटती सारसों की संख्या चिंता का कारण बन गई। वन विभाग की सारसों की गणना पर यदि गौर करें तो एक वर्ष में 57 सारस घटे हैं। गत वर्ष जिले में इनकी संख्या 225 थी। वहीं इस वर्ष सारस गणना की रिपोर्ट देखें तो यह घटकर 168 रह गई। विभाग इसके पीछे गणना का काम सही ढंग से न होना भी स्वीकारता है। अब फिर से गणना हो तो संख्या बढ़ सकती है।
वन विभाग ने अक्तूबर माह में जिले में सारसों की गणना करने का काम प्रारंभ किया था। इसके लिए छह टीमों का गठन किया था। इनमें वन विभाग के गार्डों के साथ ही रेंज आफीसर तक को शामिल किया। गणना का कार्य सुबह और शाम को किया गया। तीन दिन तक चले सारस गणना के कार्य में वन विभाग की टीमों ने जिले के 53 स्थानों पर दस्तक दी। वन विभाग की टीमों ने इस दौरान 168 सारसों का चिन्हांकन किया है। वहीं वन विभाग की रिपोर्ट पर गौर करें तो गत वर्ष जिले में सारसों की संख्या 225 थी। नई गणना रिपोर्ट में सर्वाधिक 89 सारस जसराना क्षेत्र में मिले। दूसरे स्थान पर सिरसागंज क्षेत्र रहा यहां 39 सारस मिले वहीं फीरोजाबाद क्षेत्र में 16, शिकोहाबाद व टूंडला क्षेत्र में दस-दस सारस ही पाए गए। जबकि नारखी क्षेत्र में मात्र चार ही सारस मिले। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी परमानंद यादव का कहना है कि सारसों की गणना में जितनी कम आई है उतनी कम नहीं होनी चाहिए। घने कोहरे के साथ ही गणना के समय सारसों का प्रजनन काल होने के कारण यह संख्या घटी है। प्रजननकाल के दौरान कई मादा सारस अंडों के समीप ही बैठ जाती है। यही कारण है कि इनकी संख्या इतनी घटी है। उन्होंने कहा कि फीरोजाबाद ही नहीं आगरा मंडल की यही स्थिति रही। गणना रिपोर्ट में इन कारणों का भी जिक्र किया है।