फीरोजाबाद। पूरा शहर बिजली संकट से जूझ रहा है। जाटवपुरी में 33 केवीए लाइन का तार बुधवार रात आठ बजे टूट गया। इसके बाद आसफाबाद 220 केवीए विद्युत संस्थान से पूरे शहर की बिजली बंद कर दी गई। विभागीय अधिकारी तार टूटने की बला एक दूसरे पर टालते रहे। एसएनएम फीडर वाले कहते रहे कि सुहाग नगर फीडर का तार है और सुहाग नगर वाले इसे एसएनएम फीडर की समस्या बताते रहे। इस तरह रात दस बजे के बाद फाल्ट खोजना शुरू किया गया। पूरा शहर अंधकार में डूबा था। कड़ाके की ठंड में घने कोहरे में बिजली वाले भी आराम से काम को अंजाम दे रहे थे। जैसे-तैसे गुरुवार तड़के करीब चार बजे सुहाग नगर फीडर का तार जोड़ लिया गया।
बिजली चालू हुई ही थी कि आधे घंटे बाद ही जलेसर रोड फीडर पर फाल्ट हो गया। सुबह सवा सात बजे फाल्ट ठीक किया गया कि मुरादाबाद से आपूर्ति बंद कर दी गई। सवा दस बजे मुरादाबाद से कटौती का समय पूरा हुआ, तो मैनपुरी से कटौती कर दी गई। दोपहर 12 बजे मैनपुरी से कटौती खत्म होने पर सप्लाई चालू की गई। इसके बाद एसएनएम फीडर ओवरलोड होने के चलते बंद करना पड़ा। डेढ़ बजे 33 केवीए की लाइन पर काम करने के लिए फिर शटडाउन ले लिया। यानी 24 घटे में शहर को दो घंटे भी बिजली नहीं मिली।
बिजली न मिलने के कारण पानी का संकट गहरा गया। शहर में न तो सरकारी नलकूप चल पाए और न ही प्राइवेट सबमर्सिबल पंप। नलकूप न चलने के कारण टैंकर भी नहीं भरे जा सके। किसी तरह कुछ टैंकर भरे भी गए, तो क्षेत्रों में पहुंचने पर पानी के लिए मारामारी की स्थिति हो गई। ऐसे में स्थानीय लोगों का आक्रोश सातवें आसमान पर है।
व्यापार से लेकर उद्योग तक प्रभावित
बिजली न मिलने के कारण व्यापार से लेकर उद्योग तक प्रभावित हैं। आटा चक्की, इलेक्ट्रानिक आइटम की रिपेयरिंग करने वाले, कंप्यूटर कैफे, फोटो स्टेट आदि की दुकानों पर कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। चूड़ी गोदाम, कारखानों और मेटलाइजिंग प्लांटों में लगातार जनरेटर चलते रहे।
खामोश हैं जनप्रतिनिधि
बिजली के संकट पर विभाग तो बेपरवाह है ही सांसद से लेकर विधायक तक खामोश हैं। शहर को बिजली संकट से उबारने की कोशिश कहीं से होती दिखाई नहीं देती। लोकसभा में जाने का सपना लिए सपा मुखिया के परिवार के एक सदस्य ने यहां राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। वादे तो इनके भी बड़े-बड़े हैं लेकिन बिजली के मोर्चे पर वह भी खामोश हैं।
फीरोजाबाद। पूरा शहर बिजली संकट से जूझ रहा है। जाटवपुरी में 33 केवीए लाइन का तार बुधवार रात आठ बजे टूट गया। इसके बाद आसफाबाद 220 केवीए विद्युत संस्थान से पूरे शहर की बिजली बंद कर दी गई। विभागीय अधिकारी तार टूटने की बला एक दूसरे पर टालते रहे। एसएनएम फीडर वाले कहते रहे कि सुहाग नगर फीडर का तार है और सुहाग नगर वाले इसे एसएनएम फीडर की समस्या बताते रहे। इस तरह रात दस बजे के बाद फाल्ट खोजना शुरू किया गया। पूरा शहर अंधकार में डूबा था। कड़ाके की ठंड में घने कोहरे में बिजली वाले भी आराम से काम को अंजाम दे रहे थे। जैसे-तैसे गुरुवार तड़के करीब चार बजे सुहाग नगर फीडर का तार जोड़ लिया गया।
बिजली चालू हुई ही थी कि आधे घंटे बाद ही जलेसर रोड फीडर पर फाल्ट हो गया। सुबह सवा सात बजे फाल्ट ठीक किया गया कि मुरादाबाद से आपूर्ति बंद कर दी गई। सवा दस बजे मुरादाबाद से कटौती का समय पूरा हुआ, तो मैनपुरी से कटौती कर दी गई। दोपहर 12 बजे मैनपुरी से कटौती खत्म होने पर सप्लाई चालू की गई। इसके बाद एसएनएम फीडर ओवरलोड होने के चलते बंद करना पड़ा। डेढ़ बजे 33 केवीए की लाइन पर काम करने के लिए फिर शटडाउन ले लिया। यानी 24 घटे में शहर को दो घंटे भी बिजली नहीं मिली।
बिजली न मिलने के कारण पानी का संकट गहरा गया। शहर में न तो सरकारी नलकूप चल पाए और न ही प्राइवेट सबमर्सिबल पंप। नलकूप न चलने के कारण टैंकर भी नहीं भरे जा सके। किसी तरह कुछ टैंकर भरे भी गए, तो क्षेत्रों में पहुंचने पर पानी के लिए मारामारी की स्थिति हो गई। ऐसे में स्थानीय लोगों का आक्रोश सातवें आसमान पर है।
व्यापार से लेकर उद्योग तक प्रभावित
बिजली न मिलने के कारण व्यापार से लेकर उद्योग तक प्रभावित हैं। आटा चक्की, इलेक्ट्रानिक आइटम की रिपेयरिंग करने वाले, कंप्यूटर कैफे, फोटो स्टेट आदि की दुकानों पर कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। चूड़ी गोदाम, कारखानों और मेटलाइजिंग प्लांटों में लगातार जनरेटर चलते रहे।
खामोश हैं जनप्रतिनिधि
बिजली के संकट पर विभाग तो बेपरवाह है ही सांसद से लेकर विधायक तक खामोश हैं। शहर को बिजली संकट से उबारने की कोशिश कहीं से होती दिखाई नहीं देती। लोकसभा में जाने का सपना लिए सपा मुखिया के परिवार के एक सदस्य ने यहां राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। वादे तो इनके भी बड़े-बड़े हैं लेकिन बिजली के मोर्चे पर वह भी खामोश हैं।