फतेहपुर। युवक की हत्या कर शव पेड़ से लटकाने के मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तीनों दोषी रिश्ते में साले-बहनोई हैं। दोषियों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया है।
मलवां थाना क्षेत्र के उमरगहना गांव निवासी अंकित उर्फ गोरे की 13 अप्रैल 2019 की रात हत्या कर शव गांव किनारे बबूल के पेड़ पर लटकाया गया था। मृतक के पिता राजेश कुमार ने गांव के बाबूराम और उसके चांदपुर थाना क्षेत्र के दरियापुर निवासी उसके साले टीपू, गोपी के खिलाफ हत्या कर शव गायब किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया था।
सहायक शासकीय अधिवक्ता रघुराज सिंह और विवेक उमराव की संयुक्त पैरवी पर शुक्रवार को कोर्ट नंबर पांच के जज जुनैद मुजफ्फर ने तीनों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि हत्यारोपी बाबूलाल की पुत्री को कोचिंग पढ़ाने अंकित उसके घर जाता था। बाबूलाल और उसके परिवार के लोगों को शक हो गया था कि अंकित से पुत्री के प्रेम संबंध हो गए हैं।
इनके घर में 13 अप्रैल की रात मुंडन संस्कार था। आरोपियों ने योजना के तहत अंकित को घर बुलाया था। इसके बाद रात को तीनों ने मिलकर अंकित की हत्या कर दी। आत्महत्या दर्शाने के लिए शव को बबूल के पेड़ पर लटका दिया था। तीनों को कोर्ट ने आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। मामले में छह लोगों ने गवाही दी है।
फतेहपुर। कोर्ट से बाहर आने पर तीनों दोषी रोते दिखे। गोपी तो रोते हुए कोर्ट परिसर का दरवाजे पर ही बैठ गया। पुलिसकर्मी उसे खींचकर ले जाने लगे। उसका भाई टीपू गमगीन दिखा। बाबूराम के चेहरे पर सिकन नहीं दिखी।