फतेहपुर। रिटायर्ड सिपाही राम बहादुर सिंह की पत्नी का आरोप है कि विधवा बहू के भाइयों ने उनके पति की हत्या की है। उनके पति से जबरन पांच बीघा जमीन का बैनामा करा लिया था और घर की नोटरी शपथ पत्र में लिखा पढ़ी करवा ली थी। राजस्व परिषद लखनऊ से जुलाई 2012 में उनके पक्ष में फैसला हो गया था जिससे बहू और उसके भाई खुन्नस मानने लगे थे।
मृतका की पत्नी की ओर से पुलिस अधीक्षक सहित उच्चाधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि उनके पति को विधवा बहू शांती पत्नी देवेंद्र बहादुर के भाई जयवीर, बलबीर, शिववीर एवं बलराम ने जबरन जरौली गांव स्थित अपने आवास में पांच साल से रोक रखा था। उसके दो पुत्र कई बार पति को लिवाने जरौली गांव गए किंतु शांती देवी के भाई उसके पति को नहीं आने दे रहे थे और हर बार उसके पुत्रों को पीटकर गांव से भगा देते थे। मंगलवार को जरौली ग्राम प्रधान पति के कई मर्तबा फोन करने के बाद उसके पुत्र, पोता और अन्य लोग जरौली गांव गए थे जहां पति राम बहादुर गाड़ी में आकर बैठ गए। तभी शांती देवी के भाइयों ने उन्हें गाड़ी से खींच लिया और उनके पुत्रों आदि पर हमला कर दिया। इस पर वह गाड़ी लेकर गांव से भागे। जिस बंदूक को ग्रामीणों ने छीना है वह मृतक के पुत्र वीर बहादुर सिंह की है। मृतका की पत्नी का आरोप है कि जरौली गांव में उसके बेटे की बंदूक मारपीट कर जबरन छीनी गई है। योजनाबद्ध तरीके से उसके पति की हत्या की गई है और उनके पुत्रों को फंसाया गया है।
फतेहपुर। रिटायर्ड सिपाही राम बहादुर सिंह की पत्नी का आरोप है कि विधवा बहू के भाइयों ने उनके पति की हत्या की है। उनके पति से जबरन पांच बीघा जमीन का बैनामा करा लिया था और घर की नोटरी शपथ पत्र में लिखा पढ़ी करवा ली थी। राजस्व परिषद लखनऊ से जुलाई 2012 में उनके पक्ष में फैसला हो गया था जिससे बहू और उसके भाई खुन्नस मानने लगे थे।
मृतका की पत्नी की ओर से पुलिस अधीक्षक सहित उच्चाधिकारियों को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि उनके पति को विधवा बहू शांती पत्नी देवेंद्र बहादुर के भाई जयवीर, बलबीर, शिववीर एवं बलराम ने जबरन जरौली गांव स्थित अपने आवास में पांच साल से रोक रखा था। उसके दो पुत्र कई बार पति को लिवाने जरौली गांव गए किंतु शांती देवी के भाई उसके पति को नहीं आने दे रहे थे और हर बार उसके पुत्रों को पीटकर गांव से भगा देते थे। मंगलवार को जरौली ग्राम प्रधान पति के कई मर्तबा फोन करने के बाद उसके पुत्र, पोता और अन्य लोग जरौली गांव गए थे जहां पति राम बहादुर गाड़ी में आकर बैठ गए। तभी शांती देवी के भाइयों ने उन्हें गाड़ी से खींच लिया और उनके पुत्रों आदि पर हमला कर दिया। इस पर वह गाड़ी लेकर गांव से भागे। जिस बंदूक को ग्रामीणों ने छीना है वह मृतक के पुत्र वीर बहादुर सिंह की है। मृतका की पत्नी का आरोप है कि जरौली गांव में उसके बेटे की बंदूक मारपीट कर जबरन छीनी गई है। योजनाबद्ध तरीके से उसके पति की हत्या की गई है और उनके पुत्रों को फंसाया गया है।