फतेहपुर। जिला अस्पताल का स्वतंत्र फीडर बनने के बाद बिजली आपूर्ति तो 22 से 24 घंटे होने लगी, लेकिन लगातार बिजली आपूर्ति होने से वार्डों में लगे पंखे फुंकने की नई समस्या खड़ी हो गई है। हाल यह है कि इधर रोजाना तकरीबन आठ से दस पंखे फुंक रहे हैं। इसके चलते भीषण गर्मी में भर्ती मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उधर, इस बाबत सीएमएस डॉ. यतींद्र त्रिपाठी का कहना है कि फुंके पंखों की मरम्मत कराई जा रही है। बजट की कमी जरूर है, लेकिन उससे अभी तक कोई काम प्रभावित नहीं हो रहा है।
जिला अस्पताल में पहले हर वक्त बिजली आपूर्ति न होने का हो-हल्ला मचता था। यहां का स्वतंत्र फीडर बनने से यह समस्या खत्म हो गई और अस्पताल में 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति होने लगी। लेकिन इससे समस्या यह खड़ी हो गई कि लगातार बिजली आने से अब अस्पताल के वार्डों में लगे पंखे अनवरत चलने की वजह से धड़ाधड़ फुंकने लगे हैं। प्रत्येक वार्ड में 34 सीलिंग फैन लगे हैं। इस तरह से तीनों वार्डों में 102 पंखे लगे हैं। अनुमानित रोजाना करीब आठ से दस पंखे फुंक रहे हैं। गुरुवार को जिला अस्पताल के तीनों वार्डों में 37 पंखे फुंके रहे। इससे यहां भर्ती रोगियों का उमसभरी गर्मी के कारण हाल बेहाल रहा। उधर, अस्पताल में लगी जर्जर ओसीबी भी दगा देने में पीछे नहीं है। ओसीबी में गड़बड़ी आने के कारण एक्सरे मशीन चलाना मुश्किल हो रहा है।
उधर, अस्पताल प्रशासन बजट के अभाव में पंखों की मरम्मत कराने को लेकर भी हाथ खड़ा करने की स्थिति में पहुंच गया है। कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि अभी तक इस मद में बजट के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं है। वहीं, सीएमएस डॉ. यतींद्रनाथ त्रिपाठी का कहना है कि बजट की कमी जरूर है, लेकिन कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। फुंकने वाले पंखों की मरम्मत कराई जा रही है।
फतेहपुर। जिला अस्पताल का स्वतंत्र फीडर बनने के बाद बिजली आपूर्ति तो 22 से 24 घंटे होने लगी, लेकिन लगातार बिजली आपूर्ति होने से वार्डों में लगे पंखे फुंकने की नई समस्या खड़ी हो गई है। हाल यह है कि इधर रोजाना तकरीबन आठ से दस पंखे फुंक रहे हैं। इसके चलते भीषण गर्मी में भर्ती मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उधर, इस बाबत सीएमएस डॉ. यतींद्र त्रिपाठी का कहना है कि फुंके पंखों की मरम्मत कराई जा रही है। बजट की कमी जरूर है, लेकिन उससे अभी तक कोई काम प्रभावित नहीं हो रहा है।
जिला अस्पताल में पहले हर वक्त बिजली आपूर्ति न होने का हो-हल्ला मचता था। यहां का स्वतंत्र फीडर बनने से यह समस्या खत्म हो गई और अस्पताल में 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति होने लगी। लेकिन इससे समस्या यह खड़ी हो गई कि लगातार बिजली आने से अब अस्पताल के वार्डों में लगे पंखे अनवरत चलने की वजह से धड़ाधड़ फुंकने लगे हैं। प्रत्येक वार्ड में 34 सीलिंग फैन लगे हैं। इस तरह से तीनों वार्डों में 102 पंखे लगे हैं। अनुमानित रोजाना करीब आठ से दस पंखे फुंक रहे हैं। गुरुवार को जिला अस्पताल के तीनों वार्डों में 37 पंखे फुंके रहे। इससे यहां भर्ती रोगियों का उमसभरी गर्मी के कारण हाल बेहाल रहा। उधर, अस्पताल में लगी जर्जर ओसीबी भी दगा देने में पीछे नहीं है। ओसीबी में गड़बड़ी आने के कारण एक्सरे मशीन चलाना मुश्किल हो रहा है।
उधर, अस्पताल प्रशासन बजट के अभाव में पंखों की मरम्मत कराने को लेकर भी हाथ खड़ा करने की स्थिति में पहुंच गया है। कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि अभी तक इस मद में बजट के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं है। वहीं, सीएमएस डॉ. यतींद्रनाथ त्रिपाठी का कहना है कि बजट की कमी जरूर है, लेकिन कोई कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। फुंकने वाले पंखों की मरम्मत कराई जा रही है।