फतेहपुर। सरकारी योजनाओं की हकीकत जानने और विकास खंड स्तर पर विभागों में अधिकारियाें और कर्मचारियाें की समयबद्धता की परीक्षा लेने के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने भिटौरा विकास खंड क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया। सीडीओ के निरीक्षण में दर्जनभर अधिकारी व कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। सरकारी अस्पताल में दवाओं के स्टाक में भी हेराफेरी पकड़ी गई।
मुख्य विकास अधिकारी अनुराग पटेल मंगलवार को सबसे पहले 10:30 बजे विकास खंड भिटौरा पहुंचे। यहां आरईएस विभाग के जेई एसएन शुक्ल, एडीओ(एसके) एके शुक्ल, एडीओ (एसटी) शरदचंद्र शुक्ल और लाल रामेश्वर प्रताप सिंह एडीओ (आईएसबी), एडीओ पंचायत सुरेंद्र बहादुर सिंह और बीटी अरुण शुक्ल अनुपस्थित पाए गए। खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार भी सीडीओ के पहुंचने तक अनुपस्थित थे और निरीक्षण के दौरान कार्यालय पहुंचे। इसके बाद सीडीओ ने 12:30 बजे पशु अस्पताल का निरीक्षण किया। यहां डॉ. शैलेंद्र और श्रीराम गोयल फार्मासिस्ट भी अनुपस्थित पाए गए। करीब 1:30 बजे सीडीओ होम्योपैथिक अस्पताल पहुंचे तो वहां फार्मासिस्ट गैरहाजिर पाए गए और चिकित्सक के बारे में पता चला कि वह एक सप्ताह से गैरहाजिर हैं और इलाहाबाद से आते-जाते हैं। सीएचसी हुसेनगंज में 1:50 बजे डॉ. आशा आर्या 15,19, 21 और 22 को गैरहाजिर पाई गईं। इसी क्रम में सीएचसी प्रभारी डॉ. डीपी. सिंह भी अनुपस्थित पाए गए। अस्पताल में गंदगी देखी गई और जनरेटर एवं एक्सरे मशीन खराब पाई गई। यही नहीं मेट्रोजिल दवा रजिस्टर में 500 टेबलेट दर्ज थी और स्टोर में मात्र 300 पाई र्गइं, 200 टेबलेट कम पाई गईं। पैरासिटामाल रजिस्टर में 100 और स्टाक में 300 टेबलेट पाई गई। पोटैशियम परमैगनेट 6 पैकेट एक्सपायरी डेट की निकली। असनी गांव में मनरेगा के खंडजा निर्माण में पुराने ईंट का प्रयोग पाया गया और गांव में सफाई कर्मी के न जाने से गंदगी पाई गई। सीडीओ अनुराग पटेल ने बताया कि कार्रवाई के लिए समस्त विभागों के अधिकारियाें को लिखित निर्देश दिए गए हैं।