छिवलहा/हथगाम। रविवार को कोतला गंगा घाट पर सहेली संग नदी में डूबी शिक्षा का दूसरे दिन भी पता नहीं चल सका। जाल डालकर गोताखोरों ने तलाश की। मोटर बोट के जरिए कोतला घाट से नौबस्ता घाट तक करीब 18 किलोमीटर नदी के दोनों छोरों पर तलाश हुई किंतु कामयाबी नहीं मिली। दोपहर बाद परिजन और गोताखोर हताश होकर लौट गए।
बरगदाई अमावस्या पर सहेली प्रियंका, उसकी मां तथा चाची संग 12 वर्षीय शिक्षा कोतला घाट पर गंगा स्नान के लिए गई थी। एक बार दोनों सहेलियां नहाकर बाहर निकल आईं और फिर मां एवं चाची से नजर बचाते हुए प्रियंका संग शिक्षा ने नदी में दोबारा छलांग लगा दी और डूब गईं। गोताखोरों के जरिए उनकी खोजबीन शुरू हुई। करीब छह घंटे के अथक परिश्रम के बाद प्रियंका का शव पानी से बाहर निकाला जा सका था किंतु शिक्षा का पता नहीं चला। सोमवार को दूसरे दिन सुबह से परिजन गोताखोराें एवं अन्य ग्रामीणों संग कोतला घाट पहुंच गए। पानी में गोताखोरों ने उसे खोजने का काफी प्रयास किया। इसके बाद मोटर बोट के जरिए नौबस्ता घाट तक नदी के दोनों किनारों पर शिक्षा की खोजबीन हुई। एक आशंका थी कि 24 घंटे बाद शव पानी से बाहर आकर नदी किनारे कहीं लग सकता है। दोपहर बाद तक यह प्रयास जारी रहा लेकिन कामयाबी न मिलने पर सभी लौट गए।