फतेहपुर। बोरी बंद आटा तैयार करने वाली मिलें उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं। बोरियों में मैन्युफैक्चरिंग डेट नहीं दर्ज करवाई जा रही हैं। बोरियों में आटे की गुणवत्ता, उसके खराब होने की तिथि का विवरण दर्ज नहीं कराया जा रहा है। बाजार में बिक रहा बोरी बंद आटा पुराना भी हो सकता है क्यों कि उसमें विवरण दर्ज न होने से उसके तैयार होने के बाबत कुछ पता चलने वाला नहीं है।
खाद्यान्न विभाग ने पूर्व में तीन फ्लोर मिलों में तैयार होने वाले आटे की बोरियों को संबंधित विवरण दर्ज कराए बिना बेचने पर रोक लगाई थी। सूत्र बताते हैं अभी भी कई फ्लोर मिलें बिना विवरण दर्ज किए बोरी बंद आटा बाजार में बेंच रही हैं। जिले में बोरी बंद आटा तैयार कर बाजार में बेंचने वाली छह से अधिक फ्लोरमिल चल रही हैं। फ्लोरमिल में बोरियाें में आटा बनने की तिथि (मैन्युफैक्चर डेट) और प्रयोग करने की अंतिम तिथि (एक्पायरी डेट) प्रिंट नहीं कराई जा रही है। ब्योरा प्रिंट न होने से ताजे आटे के साथ पुराने आटे की बोरी भी बाजार में आसानी से बेची जा रही है। यह मामला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारियों के संज्ञान में भी हैं। बोरियों में आटा बनने और खराब होने की तिथि दर्ज न करने के मामले में पूर्व में खाद्य विभाग नेसौंरा, राधानगर और चौडगरा स्थित तीन फ्लोर मिल में निर्मित आटा बोरियों की बाजार में बिक्री पर रोक लगाई थी। मुख्य खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कार्रवाई की जद में आईं तीनों फ्लोरमिल संचालकाें को हिदायत दी गई है कि आटे की बोरियां तभी बाजार में बेची जाएं जब उनमें प्रयोग करने की अंतिम तिथि दर्ज की जाएगी। उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ करने वाली ऐसी अन्य फ्लोरमिलों को भी चिह्नित किया जा रहा है। उन पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।