घर बैठे नौकरी चला रहे सफाई कर्मी
प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर से निकाल रहे वेतन
फतेहपुर। गांव-गांव स्वच्छता अभियान का नारा बुलंद करने के लिए सफाई कर्मियों की यूं तो लंबी चौड़ी फौज तैनात है, लेकिन चंद कर्मी ही नियमित रूप से झाड़ू को हाथ लगाते हैं। अधिकांश घर बैठे ही पगार ले रहे हैं और कागजों में झाड़ू लग जाती है। सफाई कर्मियों की कार्यशैली पर नकेल कस पाने में पंचायत राज विभाग विफल हो रहा है। गांवों से गायब रहने वाले ऐसे ही तीन सफाई कर्मियों को पंचायत राज विभाग ने नोटिस थमाई है।
बानगी के तौर पर हंसवा विकास खंड के विभिन्न राजस्व गांवाें में तैनात सफाई कर्मियों की कार्यशैली को ही देख लीजिए। हसवां प्रतिनिधि के अनुसार अश्वा बक्सपुर गांव में सामेंद्र सिंह सफाई कर्मी नियुक्त था, जो कि बीते ढाई वर्षों से अनुपस्थित चल रहा था। ग्रामीणों की ओर से की गई शिकायत के आधार पर डीपीआरओ ने उसे वहां से हटा दिया था और बदले में प्रेमबाबू नाम के सफाई कर्मी को तैनात किया था, लेकिन वह भी विगत छ: महीनेे से बिना किसी सूचना के नदारद है। इसी प्रकार पुरबुजुर्ग गांव में तैनात सफाई कर्मी विकास कुमार गुप्त भी छ: माह से अधिक से समय से गायब है और बांदा जनपद के अर्तरा गांव में सब्जी बेचने का काम करता है। इसी कतार में चकरसूलपुर गांव का सफाई कर्मी नंदलाल भी शामिल है। वह पिछले सात माह से गायब है और अभी तक उसका कोई अता-पता नहीं है। हालांकि इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी पंचायत हरिभजन सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है और तीनों सफाई कर्मियों को नोटिस दी गई है और इस तरह से अन्य सफाई कर्मियों को चिह्नित किया जा रहा है। विजयीपुर प्रतिनिधि के अनुसार सेलरहा गांव में तैनात सफाई कर्मी पुष्पा देवी, लाखीपुर की सुमन देवी और नरौली की सैकी देवी एवं सलवन गांव में नियुक्त सफाई कर्मी भूरा तथा रहमतपुर का सफाई कर्मी रहमतपुर सहित दर्जनों गांव के सफाई कर्मी सात माह से अधिक समय से काम के नदारद हैं। यही नहीं सफाई कर्मी पंचायत सचिवाें की सेटिंग से अपने पे रोल पर ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अपनी पगार भी बिना किसी काम के और बिना किसी रोकटोक के निकाल रहे हैं। सफाई कर्मियों की इस स्थित पर जिला पंचायत राज अधिकारी बालकृष्ण शुक्ल का कहना है कि कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं और मामलों की जांच करवाई जा रही है। रिपोर्ट आते ही कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।