फतेहपुर। छोटी सी दुकान चलाकर परिवार की गाड़ी खींचने वाले दुकानदार का इकलौता बेटा आईआईटीयन बन गया। उसने लगन व मेहनत के बल पर सफलता पाई। वह चाहता है कि आर्कीटेक्ट इंजीनियर बन कर देश के काम आए।
शहर के चौक इलाके की छोटी बाजार में रहने वाले शारदा प्रसाद मोदनवाल के इकलौते पुत्र आकाश ने नाम की मानिंद खुद को ढालने का प्रयास किया। शुक्रवार को आईआईटीयंस फैमिली में वह भी शामिल हो गया। उसे ओबीसी कैटेगिरी में 3537 वीं रैेंक हासिल हुई। आकाश र्के आईआईटी परीक्षा पास करने की जानकारी के बाद से उसके घर में खुशियों का माहौल है। पड़ोसी बधाई देने के लिए आ रहे है। आकाश ने कहा वह आर्किटेक्चर के क्षेत्र में किस्मत आजमाएगा। उधर आकाश की सफलता पर महर्षि विद्या मंदिर में खुशी का माहौल है। प्राचार्य एके मिश्र कहते है आकाश ने नाम के अनुरूप काम करके दिखाया है। उसने विषम परिस्थितियों में खुद को साबित किया है।
समर ने माता-पिता का सपना किया साकार
गारमेंट्स कारोबारी व शिक्षिका मां के पुत्र ने आईआईटी में पाई 7206 रैंक
फतेहपुर। गारमेंट्स कारोबारी पिता व शिक्षिका मां के पुत्र समर ने अपने दूसरे प्रयास में आईआईटी में चयनित होकर माता-पिता के सपने को साकार कर दिया। जुड़वा भाई समीर वर्तमान में बीबीए की तैयारी कर रहा है।
शहर के चौक इलाके के चूड़ी वाली गली निवासी गारमेंट्स कारोबारी नदीम अनवर के दो जुड़वा बेटे समीर खान व समर खान है। पत्नी कमरजहां सथरियावं जूनियर हाई स्कूल में शिक्षिका है। दोनों पुत्र दिल्ली में फ्लैट लेकर रहते हैं। वर्तमान समय में समीर बीबीए की तैयारी कर रहा है। जबकि समर ने आईआईटी की परीक्षा में 7206 वीं रैंक हासिल कर खुद को साबित कर दिया है। पिता नदीम अनवर ने बताया जामिया यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से इंटरमीडिएट करने वाले समर को नेशनल ओलंपियाड मेटिक्स में दूसरा स्थान हासिल हुआ था। हाई स्कूल मेें समर ने महर्षि विद्या मंदिर में दूसरा स्थान पाया था। उधर समर जो कि सफलता मिलने के चौबीस घंटे के अंदर ही एक दूसरी परीक्षा के लिए अलीगढ़ पहुंच गया। मोबाइल से बातचीत में कहा वह आईएएस की भी तैयारी कर रहा है।
हेडिंग
फतेहपुर। छोटी सी दुकान चलाकर परिवार की गाड़ी खींचने वाले दुकानदार का इकलौता बेटा आईआईटीयन बन गया। उसने लगन व मेहनत के बल पर सफलता पाई। वह चाहता है कि आर्कीटेक्ट इंजीनियर बन कर देश के काम आए।
शहर के चौक इलाके की छोटी बाजार में रहने वाले शारदा प्रसाद मोदनवाल के इकलौते पुत्र आकाश ने नाम की मानिंद खुद को ढालने का प्रयास किया। शुक्रवार को आईआईटीयंस फैमिली में वह भी शामिल हो गया। उसे ओबीसी कैटेगिरी में 3537 वीं रैेंक हासिल हुई। आकाश र्के आईआईटी परीक्षा पास करने की जानकारी के बाद से उसके घर में खुशियों का माहौल है। पड़ोसी बधाई देने के लिए आ रहे है। आकाश ने कहा वह आर्किटेक्चर के क्षेत्र में किस्मत आजमाएगा। उधर आकाश की सफलता पर महर्षि विद्या मंदिर में खुशी का माहौल है। प्राचार्य एके मिश्र कहते है आकाश ने नाम के अनुरूप काम करके दिखाया है। उसने विषम परिस्थितियों में खुद को साबित किया है।
समर ने माता-पिता का सपना किया साकार
गारमेंट्स कारोबारी व शिक्षिका मां के पुत्र ने आईआईटी में पाई 7206 रैंक
फतेहपुर। गारमेंट्स कारोबारी पिता व शिक्षिका मां के पुत्र समर ने अपने दूसरे प्रयास में आईआईटी में चयनित होकर माता-पिता के सपने को साकार कर दिया। जुड़वा भाई समीर वर्तमान में बीबीए की तैयारी कर रहा है।
शहर के चौक इलाके के चूड़ी वाली गली निवासी गारमेंट्स कारोबारी नदीम अनवर के दो जुड़वा बेटे समीर खान व समर खान है। पत्नी कमरजहां सथरियावं जूनियर हाई स्कूल में शिक्षिका है। दोनों पुत्र दिल्ली में फ्लैट लेकर रहते हैं। वर्तमान समय में समीर बीबीए की तैयारी कर रहा है। जबकि समर ने आईआईटी की परीक्षा में 7206 वीं रैंक हासिल कर खुद को साबित कर दिया है। पिता नदीम अनवर ने बताया जामिया यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से इंटरमीडिएट करने वाले समर को नेशनल ओलंपियाड मेटिक्स में दूसरा स्थान हासिल हुआ था। हाई स्कूल मेें समर ने महर्षि विद्या मंदिर में दूसरा स्थान पाया था। उधर समर जो कि सफलता मिलने के चौबीस घंटे के अंदर ही एक दूसरी परीक्षा के लिए अलीगढ़ पहुंच गया। मोबाइल से बातचीत में कहा वह आईएएस की भी तैयारी कर रहा है।
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