फतेहपुर। अब सरकारी अस्पतालों में भी रोगियों का इलाज ब्रांडेड दवाओं से किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 22 दवाएं अस्पतालों को मुहैया कराने की योजना तैयार की है। अभी तक ये दवाइयां सिर्फ मेडिकल स्टोरों में ही मिलती थी, लेकिन जल्द ही दवाएं सरकारी अस्पतालों में मुहैया होंगी।
सरकारी अस्पताल नर्सिंगहोम की तर्ज पर रोगियों का उपचार करेंगे। अभी तक सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली सभी दवाएं नान ब्रांडेड कंपनियों की होती थीं, ऐसी हालत में इनकी गुणवत्ता पर चिकित्सा विशेषज्ञ विश्वास नहीं करते। यही कारण है कि गंभीर रोगियों के तीमारदारों को बाजार से दवाओं की खरीददारी करनी पड़ती थी। इस बात को स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान में लेकर 22 ब्रांडेड दवाएं सरकारी अस्पतालों में चलाने का निर्णय लिया है।
शासन ने तीन दिन पहले सभी सीएमओ को पत्र भेजकर चिह्नित दवाओं की आपूर्ति के लिए मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि अभी तक सरकारी अस्पतालों में इन दवाओं के स्थान पर लोकल कंपनियों की दवाएं रोगियों को दी जाती रही हैं, लेकिन शासन ने अब ब्रांडेड कंपनियों की दवाओं से ही रोगियों का उपचार करने का मन बनाया है। सीएमओ केएल वर्मा ने बताया दवाओं का मांगपत्र बनाकर भेज दिया गया है।
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ये हैं दवाएं
इन दवाओं में नार्थ फ्लास्क, सिप्लाक्स, आगूमेंटेन, डायोनिल, डाइजिन, वीकासूल, यूनीजाइम, मेट्रोजिल, पेरीनाम, सिट्रजिन, एविल, मेटासीन, कंपोज, यूरीमैक्स, लोडोज, मेटलार, आस्टोकैल्सिय, एक्लोडैक, वीटाकार्ड, लोसार, फीफाल टेबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन शामिल हैं।