फतेहपुर। हुसैनगंज के फतेहपुर-लखनऊ मार्ग स्थित बेरागढ़ीवा गांव और असोथर के मनावां गांव में बुधवार को दोपहर आग ने कहर ढाया। तेज हवा चलने की वजह से आग को काबू में करने में खासी दिक्कत हुई और आग की लपटों ने दोनों गांवों में दस घरों को राख कर दिया। मनावां गांव में एक घर में बेटी की शादी का सामान रखा था, नकदी समेत सारा सामान जल गया।
हुसेनगंज में फतेहपुर-लखनऊ मार्ग स्थित बेरागढ़ीवा गांव में बुधवार को दोपहर एक घर में लगी आग ने एक-एक कर चार घरों को अपनी चपेट में ले लिया। गांव वालों ने आग बुझाने की काफी कोशिश की, लेकिन तेज हवा के कारण आग भड़कती गई और नहीं बुझी। घंटे भर बाद पहुंची फायर ब्रिगेड ने काफी देर जूझने के बाद आग को काबू में किया। आग की लपटों से घिर पांचवें घर को कड़ी मशक्कत के बाद जलने से बचा लिया गया।
बेरागढ़ीवा गांव में दोपहर करीब 12 बजे हनीफ पुत्र ननका के घर में आग लग गई। उस समय परिवार के सभी लोग खेतों पर थे, आग की लपटें उठते देखे ग्रामीणों ने पहुंचकर आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन तेज हवा चलने के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया और पड़ोसी सगीर के घर को भी चपेट में ले लिया। हनीफ के घर आग बुझाने में जुटे ग्रामीण हनीफ के घर को बचाने के लिए भागे। तब तक आग ने हनीफ के घर को पूरी तरह से चपेट में ले लिया। गृहस्थी बचाने के लिए खेत से भाग कर आए परिजनों को अंदर दाखिल होने से रोक दिया गया। इसके बाद तेज लपटों ने नसीम व बसीर के घरों को भी राख कर दिया। सूचना मिलने पर करीब एक बजे फायर ब्रिगेड ने पहुंचकर गांव वालों की मदद से घंटा भर तक जूझने के बाद आग को काबू में किया। सगीर के सात हजार रुपए नकद भी गृहस्थी के साथ जल गए। फायर ब्रिगेड के आने से एक अन्य ग्रामीण सुरेश के दरवाजे पर पड़ा छप्पर ही जल सका। जवानों ने छप्पर को खुले में फेंकवा कर उसकी गृहस्थी को जलने से बचा लिया। सूचना पर सीओ एके सिंहा भी मौके पर पहुंचे। अगिभनकांड में करीब पांच लाख के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। उधर, असोथर में मनावां गांव में बुधवार को दोपहर आग लगने से छह घरों की गृहस्थी जलकर राख हो गई। सूचना के बाद भी फायर ब्रिगेड के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने निजी ट्यूवबेल का सहारा लेकर आग पर काबू पाया। इस अग्निकांड में तकरीबन सात लाख के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
मनावां गांव में बुधवार को दोपहर करीब 1:30 बजे हरिशंकर के घर में आग लग गई। बाद में आग की लपटों ने मोहन की भूसे की कोठरी को चपेट में ले लिया। इसके बाद आग ने देशराज, सुभाष, राम नारायन, रामदास, बनवारी के घरों को भी राख कर दिया। देशराज के घर में रखा सारा सामान राख हो गया, खाने के लिए अन्न का एक दाना नहीं बचा। देशराज अपनी बेटी शैलकुमारी की 15 जून को आने वाली बारात की तैयारियों में जुटा था। उसका करीब ग्यारह हजार नकद भी गृहस्थी के सामान के साथ जल गया। ग्रामीणों ने आग पर करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया। तालाब में पानी न होने से आग बुझाने में ग्रामीणों को जूझना पड़ा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी न आने पर उन्हें निजी नलकूप चलवाना पड़ा।