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दूधिए की हत्या में सात को आजीवन कारावास
Fatehpur
Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
फतेहपुर। विशेष न्यायालय ईसी एक्ट ने व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा में एक दूधिया की हत्या कर शव छिपाने के मामले में आरोपी सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी हत्यारोपियों पर 16500-16500 रुपए का जुर्माना भी किया गया है। न्यायालय से सजा सुनाने के बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया।
चांदपुर थानाक्षेत्र के कनैरा गांव निवासी भिखारीलाल के पुत्र जयकिशोर (40) की 13 जनवरी 2007 को हत्या कर दी गई थी। वह सितंबर 2006 से गांव के ही बलवंत यादव पुत्र शिव नारायन के साथ दूध बेचने का काम कर रहा था। उधर, पड़ोस के बिजौली निवासी कामता प्रसाद उर्फ पंडा पुत्र राम सेवक अवस्थी, भारत यादव, कल्लू मियां, शिव सिंह, अरविंद, उमाकांत एवं कनैरा गांव के श्याम सिंह मिलकर दूध और खोया का व्यापार रहे थे। इतने लोगों के एक ही व्यापार में आने से धंधे में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ गई थी। बताते हैं कि जयकिशोर ने बाकी लोगों के मुकाबले दो रुपए प्रति लीटर दूध अधिक दाम में पशुपालकों से खरीदने लगा, इससे मंडी में दूध का भाव बिगाड़ने के साथ ही प्रतिस्पर्द्धा भी ज्यादा बढ़ गई। 13 जनवरी वर्ष 2007 को पशुपालकों से दूध लेकर जयकिशोर लौट रहा था, तभी भगौनापुर के पास शाम करीब 7:15 बजे उक्त सभी दूध व्यवसाइयों ने उसकी हत्या कर दी। शव को बिजौली और कौंह गांव के बीच बब्बू मिश्र के अरहर के खेत में छिपा दिया। रात तक घर वापस न लौटने पर उसके छोटेभाई राम किशोर ने चांदपुर थाने में तहरीर दी। घटना के चार दिन बाद 19 जनवरी को उसका शव बरामद हुआ। सभी सात दूध व्यवसाइयों के विरुद्ध मृतक के भाई की तहरीर पर अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। कुछ दिन जेल में रहने के बाद सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे। इस घटना का मुकदमा विशेष न्यायालय ईसी एक्ट की अदालत में विचाराधीन था। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश बब्बू सारंग की अदालत ने सहायक शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्त और प्रेमदास की ओर से पेश साक्ष्य एवं दलीलों के मद्देनजर सभी सातों अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 16 हजार 500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
फतेहपुर। विशेष न्यायालय ईसी एक्ट ने व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा में एक दूधिया की हत्या कर शव छिपाने के मामले में आरोपी सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी हत्यारोपियों पर 16500-16500 रुपए का जुर्माना भी किया गया है। न्यायालय से सजा सुनाने के बाद पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया।
चांदपुर थानाक्षेत्र के कनैरा गांव निवासी भिखारीलाल के पुत्र जयकिशोर (40) की 13 जनवरी 2007 को हत्या कर दी गई थी। वह सितंबर 2006 से गांव के ही बलवंत यादव पुत्र शिव नारायन के साथ दूध बेचने का काम कर रहा था। उधर, पड़ोस के बिजौली निवासी कामता प्रसाद उर्फ पंडा पुत्र राम सेवक अवस्थी, भारत यादव, कल्लू मियां, शिव सिंह, अरविंद, उमाकांत एवं कनैरा गांव के श्याम सिंह मिलकर दूध और खोया का व्यापार रहे थे। इतने लोगों के एक ही व्यापार में आने से धंधे में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ गई थी। बताते हैं कि जयकिशोर ने बाकी लोगों के मुकाबले दो रुपए प्रति लीटर दूध अधिक दाम में पशुपालकों से खरीदने लगा, इससे मंडी में दूध का भाव बिगाड़ने के साथ ही प्रतिस्पर्द्धा भी ज्यादा बढ़ गई। 13 जनवरी वर्ष 2007 को पशुपालकों से दूध लेकर जयकिशोर लौट रहा था, तभी भगौनापुर के पास शाम करीब 7:15 बजे उक्त सभी दूध व्यवसाइयों ने उसकी हत्या कर दी। शव को बिजौली और कौंह गांव के बीच बब्बू मिश्र के अरहर के खेत में छिपा दिया। रात तक घर वापस न लौटने पर उसके छोटेभाई राम किशोर ने चांदपुर थाने में तहरीर दी। घटना के चार दिन बाद 19 जनवरी को उसका शव बरामद हुआ। सभी सात दूध व्यवसाइयों के विरुद्ध मृतक के भाई की तहरीर पर अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। कुछ दिन जेल में रहने के बाद सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो गए थे। इस घटना का मुकदमा विशेष न्यायालय ईसी एक्ट की अदालत में विचाराधीन था। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश बब्बू सारंग की अदालत ने सहायक शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्त और प्रेमदास की ओर से पेश साक्ष्य एवं दलीलों के मद्देनजर सभी सातों अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को 16 हजार 500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।