जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों में बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
मई माह में ही ऐसे तीन बर्न रोगियों की अब तक हो चुकी है
फतेहपुर। जिला अस्पताल में बर्न रोगियों को भर्ती करके समुचित उपचार करने की व्यवस्था न होने के कारण सोमवार को आग से झुलसी एक युवती की मौत हो गई। एक पखवारे का समय बीतने के बावजूद अस्पताल प्रशासन बर्न रोगियों को भर्ती करने के लिए संक्रमण विहीन अलग वार्ड की व्यवस्था नहीं कर पाया है। दो कक्षों की अतिरिक्त व्यवस्था तो की गई है, लेकिन इनमें एसी के स्थान पर खराब कूलर रखे गए हैं, जो बर्न रोगियों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। मई में ही उपचार के दौरान तीन बर्न रोगियों की मौत हो चुकी है।
जिला अस्पताल में पखवारेभर पहले तक चार बर्न रोगियों को भर्ती करने के लिए एसी वार्ड की व्यवस्था थी। जबकि अस्पताल में आठ से दस रोगियों के हर समय भर्ती रहने का औसत है। ऐसी हालत में बर्न रोगियों को जनरल वार्ड में भर्ती किया जाता रहा है। इससे इन रोगियों पर संक्रमण फैल रहा था। इसकी खबर अमर उजाला ने प्रकाशित की थी। इस पर सीएमएस यतींद्रनाथ त्रिपाठी ने भूतल और सबसे ऊपरी मंजिल में बने दो कक्षों में चार-चार रोगियों को भर्ती करने की व्यवस्था की थी। सप्ताहभर तक तो बर्न रोगियों के लिए बनाए गए वार्ड सिर्फ पंखें के भरोसे निर्भर रहे, लेकिन बाद में कूलर रखे गए। खास बात तो यह है कि दोनों वार्डो रखे कूलर महज दिखावा हैं। बिगड़े होने के कारण यह एक दिन भी नहीं चले हैं।
वर्तमान समय में जिला अस्पताल में 11 बर्न रोगी भर्ती हैं, जिनमें एक बर्न महिला जनरल शिशु वार्ड में भर्ती है। खास बात तो यह है कि बिजली आपूर्ति बंद होने पर यहां पर फंखे भी नहीं चलते हैं , जिससे उमस भरी गरमी के कारण बर्न रोगियों में संक्रमण फैलना स्वाभाविक है। संक्रमण फैलने के कारण सोमवार को थरियांव थाना क्षेत्र के मिचकी गांव निवासी सुक्खू की पत्नी सोनी देवी (25) की मौत हो गई। सोनी को 25 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। उधर, सीएमएस का कहना है कि बजट के अभाव में जनरेटर नहीं चल पर रहा है, जिससे बर्न रोगियों के लिए लगे एसी और कूलर नहीं चलते हैं। गरमी के कारण बर्न रोगियों को दिक्कतें होना स्वाभाविक है।