खागा/फतेहपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का बुरा हाल है। तीन वर्ष पूर्व शासन ने हायर सेकेंडरी लेबल के छात्रों को कंप्यूटर संबंधी जानकारियों से लैस करने को दो दर्जन कंप्यूटर मुहैया कराए गाए थे, लेकिन बिजली बगैर उक्त कंप्यूटर बंद डिब्बा साबित हो रहे हैं। तहसील क्षेत्र के ऐराया ब्लाक के ऐलई, सरसई, नकसारा पुरईन, धरमदासपुर समेत आठ हायर सेकेंडरी स्कूल में कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। इसी प्रकार धाता ब्लाक के परसिद्धपुर, देवरार, घरवासीपुर, जहांगीर नगर महुरे, परवेज व विजईपुर ब्लाक के ब्योटी, जिहरवा, खासमऊ, खखरेड़ू, मझिगवां, किशनपुर में भी यह सुविधा है। इन कंप्यूटरों की उपलब्धता के बीच या तो इन्हेें चलाने वाला कोई नहीं है। अगर चलाने वाला है तो समय पर बिजली नहीं। जिससे आधा दर्जन से ज्यादा हायर सेकेंडरी स्कूल के कम्प्यूटर तो अभी तक डिब्बे से भी बाहर नहंी निकाले जा सके। मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से खास मशक्कत नहीं की गई। गौरतलब यह भी कि इस आधुनिक शिक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर होने वाली जांच पड़ताल में भी ज्यादा जिकरा सामने नहीं आता है। एमडीएम की बात होती है, वजीफा की बात होती है, लेकिन कंप्यूटर का नाम तक नहीं लिया जाता है। मामले में तहसील क्षेत्र के सभी चार खंड शिक्षा अधिकारी हाथ खड़े करते हैं। उनका कहना है बिजली समस्या ही इस शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा है। चंद स्कूलों मेें ही बिजली की सुविधा है। ऐसे में इस समस्या से निजात मिले बिना, कंप्यूटर शिक्षा पर बोलना ठीक नहीं है।
खागा/फतेहपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का बुरा हाल है। तीन वर्ष पूर्व शासन ने हायर सेकेंडरी लेबल के छात्रों को कंप्यूटर संबंधी जानकारियों से लैस करने को दो दर्जन कंप्यूटर मुहैया कराए गाए थे, लेकिन बिजली बगैर उक्त कंप्यूटर बंद डिब्बा साबित हो रहे हैं। तहसील क्षेत्र के ऐराया ब्लाक के ऐलई, सरसई, नकसारा पुरईन, धरमदासपुर समेत आठ हायर सेकेंडरी स्कूल में कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। इसी प्रकार धाता ब्लाक के परसिद्धपुर, देवरार, घरवासीपुर, जहांगीर नगर महुरे, परवेज व विजईपुर ब्लाक के ब्योटी, जिहरवा, खासमऊ, खखरेड़ू, मझिगवां, किशनपुर में भी यह सुविधा है। इन कंप्यूटरों की उपलब्धता के बीच या तो इन्हेें चलाने वाला कोई नहीं है। अगर चलाने वाला है तो समय पर बिजली नहीं। जिससे आधा दर्जन से ज्यादा हायर सेकेंडरी स्कूल के कम्प्यूटर तो अभी तक डिब्बे से भी बाहर नहंी निकाले जा सके। मामले में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से खास मशक्कत नहीं की गई। गौरतलब यह भी कि इस आधुनिक शिक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर होने वाली जांच पड़ताल में भी ज्यादा जिकरा सामने नहीं आता है। एमडीएम की बात होती है, वजीफा की बात होती है, लेकिन कंप्यूटर का नाम तक नहीं लिया जाता है। मामले में तहसील क्षेत्र के सभी चार खंड शिक्षा अधिकारी हाथ खड़े करते हैं। उनका कहना है बिजली समस्या ही इस शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा है। चंद स्कूलों मेें ही बिजली की सुविधा है। ऐसे में इस समस्या से निजात मिले बिना, कंप्यूटर शिक्षा पर बोलना ठीक नहीं है।
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