फर्रुखाबाद। नगर पालिका परिषद में तैनात ईओ रश्मि भारती को कार्यभार नहीं संभालने दिया गया। मंगलवार को प्रभारी ईओ सीमा तोमर ईओ की सीट पर जमी रहीं। दफ्तर में दिन भर ठेकेदारों की भीड़ लगी रही। ईओ रश्मि भारती दफ्तर के ऊपर अपने आवास पर मौजूद रहीं। कर्मचारी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। दस्तखत स्कैन न हो पाने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अभी भी फंसे हैं।
ईओ रश्मि भारती के खिलाफ सभासदों ने बीते महीने से मोर्चा खोला हुआ है। इसी दौरान सात फरवरी को अचानक ईओ की हालत खराब हो गई और वह चिकित्सा अवकाश पर चली गईं। डीएम ने कायमगंज की ईओ सीमा तोमर को अतिरिक्त प्रभार दे दिया। 14 फरवरी को सीमा तोमर ने कार्यभार संभाला। 17 फरवरी की सुबह स्वास्थ्य लाभ लेकर पहुंची रश्मि भारती ने सीमा तोमर की कागज की नेमप्लेट हटवा दी। इस पर बवाल खड़ा हो गया। हालांकि सीमा तोमर पर अफसरों और चेयरमैन दोनों का ही वरदस्त प्राप्त है, इसलिए रश्मि भारती को चार्ज नहीं दिया गया।
चेयरमैन वत्सला अग्रवाल ने डीएम को पत्र भेजकर अवगत करा दिया कि रश्मि भारती के सीट पर रहते पालिका का माहौल खराब होगा। लिहाजा अफसरों ने भी एक तीर से दो निशाने साधे। ईओ रश्मि भारती को चार्ज नहीं मिला। मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे ईओ रश्मि भारती अपने आवास से कहीं गईं और साढ़े 10 बजे वापस आवास में ही चली गईं। जबकि प्रभारी ईओ सीमा तोमर 11 बजे आकर ईओ की सीट पर बैठ गईं। दिन भर ईओ के कमरे में ठेकेदारों की गणेश परिक्रमा होती रही। उधर, अभी तक हस्ताक्षर स्कैन न हो पाने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनना शुरू नहीं हो सके हैं।
वित्तीय वर्ष पर है अफसरों की नजर
जो भी कार्यदायी संस्थाएं होती हैं, उनमें वित्तीय वर्ष का अलग ही महत्व होता है। हर अधिकारी चाहता है कि फरवरी, मार्च और आधा अप्रैल तक सीट पर बैठने को मिल जाए। शायद यही कारण है कि ईओ के पद को लेकर प्रभारी ईओ और तैनात ईओ में खींचतान चल रही है। चेयरमैन और अफसर प्रभारी ईओ के पक्ष में दिख रहे हैं।
प्रदर्शनकारी सभासदों में दो फाड़
ईओ रश्मि भारती के खिलाफ सभासदों के एक गुट ने बड़ा आंदोलन शुरू किया था। अब प्रभारी ईओ, चेयरमैन और अफसरों की सियासत शुरू हुई, तो सत्ताधारी दल भी हरकत में आ गया। भाजपा नेताओं ने भी गोलबंदी शुरू कर दी। इसी के तहत आंदोलनकारी सभासदों में दो फाड़ हो गए। एक गुट ईओ रश्मि भारती के आवास पर उनसे मिला।
फर्रुखाबाद। नगर पालिका परिषद में तैनात ईओ रश्मि भारती को कार्यभार नहीं संभालने दिया गया। मंगलवार को प्रभारी ईओ सीमा तोमर ईओ की सीट पर जमी रहीं। दफ्तर में दिन भर ठेकेदारों की भीड़ लगी रही। ईओ रश्मि भारती दफ्तर के ऊपर अपने आवास पर मौजूद रहीं। कर्मचारी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। दस्तखत स्कैन न हो पाने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र अभी भी फंसे हैं।
ईओ रश्मि भारती के खिलाफ सभासदों ने बीते महीने से मोर्चा खोला हुआ है। इसी दौरान सात फरवरी को अचानक ईओ की हालत खराब हो गई और वह चिकित्सा अवकाश पर चली गईं। डीएम ने कायमगंज की ईओ सीमा तोमर को अतिरिक्त प्रभार दे दिया। 14 फरवरी को सीमा तोमर ने कार्यभार संभाला। 17 फरवरी की सुबह स्वास्थ्य लाभ लेकर पहुंची रश्मि भारती ने सीमा तोमर की कागज की नेमप्लेट हटवा दी। इस पर बवाल खड़ा हो गया। हालांकि सीमा तोमर पर अफसरों और चेयरमैन दोनों का ही वरदस्त प्राप्त है, इसलिए रश्मि भारती को चार्ज नहीं दिया गया।
चेयरमैन वत्सला अग्रवाल ने डीएम को पत्र भेजकर अवगत करा दिया कि रश्मि भारती के सीट पर रहते पालिका का माहौल खराब होगा। लिहाजा अफसरों ने भी एक तीर से दो निशाने साधे। ईओ रश्मि भारती को चार्ज नहीं मिला। मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे ईओ रश्मि भारती अपने आवास से कहीं गईं और साढ़े 10 बजे वापस आवास में ही चली गईं। जबकि प्रभारी ईओ सीमा तोमर 11 बजे आकर ईओ की सीट पर बैठ गईं। दिन भर ईओ के कमरे में ठेकेदारों की गणेश परिक्रमा होती रही। उधर, अभी तक हस्ताक्षर स्कैन न हो पाने से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनना शुरू नहीं हो सके हैं।
वित्तीय वर्ष पर है अफसरों की नजर
जो भी कार्यदायी संस्थाएं होती हैं, उनमें वित्तीय वर्ष का अलग ही महत्व होता है। हर अधिकारी चाहता है कि फरवरी, मार्च और आधा अप्रैल तक सीट पर बैठने को मिल जाए। शायद यही कारण है कि ईओ के पद को लेकर प्रभारी ईओ और तैनात ईओ में खींचतान चल रही है। चेयरमैन और अफसर प्रभारी ईओ के पक्ष में दिख रहे हैं।
प्रदर्शनकारी सभासदों में दो फाड़
ईओ रश्मि भारती के खिलाफ सभासदों के एक गुट ने बड़ा आंदोलन शुरू किया था। अब प्रभारी ईओ, चेयरमैन और अफसरों की सियासत शुरू हुई, तो सत्ताधारी दल भी हरकत में आ गया। भाजपा नेताओं ने भी गोलबंदी शुरू कर दी। इसी के तहत आंदोलनकारी सभासदों में दो फाड़ हो गए। एक गुट ईओ रश्मि भारती के आवास पर उनसे मिला।