फर्रुखाबाद। पुलिस कर्मियों के उत्पीड़न सहित अन्य समस्याएं जानने के लिए प्रदेश में न्याय यात्रा निकाल रहे अराजपत्रित पुलिस कल्याण संस्थान से फर्रुखाबाद में पुलिस कर्मियों के मिलने पर शिकंजा कसा रहा। खुफिया तंत्र के सक्रिय रहने और पुलिस अधिकारियों के कोप के डर से इक्का दुक्का पुलिस कर्मी ही न्याय यात्रा लेकर आए दल से मिल सके। प्रदेश के अन्य जिलों से कुल 38 सौ प्रार्थना पत्र बटोर चुके संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि फर्रुखाबाद के पुलिस कर्मी जागरुक नहीं हैं फिर भी उनकी समस्याओं के निदान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
लखनऊ के विधान भवन के सामने से 29 अप्रैल को प्रदेश भ्रमण पर निकले रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित अराजपत्रित पुलिस कल्याण संस्थान, का फर्रुखाबाद 73 वां जिला था। यहां वे मैनपुरी से होते हुए बुधवार को पहुंचे। एक बस में चल रहे संस्थान के 22 सदस्य काफी दे तक फतेहगढ़ में रुके।खुफिया विभाग के सक्रिय होने के चलते संस्थान के सदस्यो से मिलने के लिए जाने की पुलिस कर्मियों की हिम्मत नहीं पड़ी। इक्का दुक्का सिपाही ही पहुंचे और गोपनीय वार्ता कर अपनी समस्या बताई। राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि टूर गुरूवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलेगा। सभी जिलों से पुलिस कर्मियों ने अपनी समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र दिए लेकिन फर्रुखाबाद में अपेक्षानुरूप पुलिस कर्मियों में जागरुकता नहीं दिखी। बताया कि आईपीएस अफसरों द्वारा दि कमेट फॉर द वेलफेयर ऑफ द फैमलीज ऑफ द मेंबर्स यूपी पुलिस फोर्स, के नाम से एसोसिएशन चला रहे हैं, यह संस्था अपंजीकृत हो गई है इसके बावजूद उक्त संस्था अवैध तरीके से पुलिस कर्मियों के वेतन से कटौती कर अपने कोष में जमा कर रही है। सरकार को चाहिए कि इस संस्था पर तत्काल रोक लगाए। इसके अलावा पांच वर्ष में जिन अराजपत्रित कर्मचारियों के साथ बदले की भावना से नियम विरुद्ध तरीके से दंडात्मक कार्रवाई की गई है उसकी पुनः जांच करके पीड़ित पुलिस कर्मियों को शीघ्र न्याय दिलाया जाए। संस्थान की इनके अलावा भी 19 मांगे हैं जिनके समाधान के लिए प्रदेश सरकार के सामने बात रखी जाएगी। विजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सभी पुलिस कर्मियों को आईपीएस अधिकारियों के उत्पीड़न से बचाने के लिए उनका संस्थान हर संभव कदम उठाएगा।
फर्रुखाबाद। पुलिस कर्मियों के उत्पीड़न सहित अन्य समस्याएं जानने के लिए प्रदेश में न्याय यात्रा निकाल रहे अराजपत्रित पुलिस कल्याण संस्थान से फर्रुखाबाद में पुलिस कर्मियों के मिलने पर शिकंजा कसा रहा। खुफिया तंत्र के सक्रिय रहने और पुलिस अधिकारियों के कोप के डर से इक्का दुक्का पुलिस कर्मी ही न्याय यात्रा लेकर आए दल से मिल सके। प्रदेश के अन्य जिलों से कुल 38 सौ प्रार्थना पत्र बटोर चुके संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि फर्रुखाबाद के पुलिस कर्मी जागरुक नहीं हैं फिर भी उनकी समस्याओं के निदान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
लखनऊ के विधान भवन के सामने से 29 अप्रैल को प्रदेश भ्रमण पर निकले रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित अराजपत्रित पुलिस कल्याण संस्थान, का फर्रुखाबाद 73 वां जिला था। यहां वे मैनपुरी से होते हुए बुधवार को पहुंचे। एक बस में चल रहे संस्थान के 22 सदस्य काफी दे तक फतेहगढ़ में रुके।खुफिया विभाग के सक्रिय होने के चलते संस्थान के सदस्यो से मिलने के लिए जाने की पुलिस कर्मियों की हिम्मत नहीं पड़ी। इक्का दुक्का सिपाही ही पहुंचे और गोपनीय वार्ता कर अपनी समस्या बताई। राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि टूर गुरूवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलेगा। सभी जिलों से पुलिस कर्मियों ने अपनी समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र दिए लेकिन फर्रुखाबाद में अपेक्षानुरूप पुलिस कर्मियों में जागरुकता नहीं दिखी। बताया कि आईपीएस अफसरों द्वारा दि कमेट फॉर द वेलफेयर ऑफ द फैमलीज ऑफ द मेंबर्स यूपी पुलिस फोर्स, के नाम से एसोसिएशन चला रहे हैं, यह संस्था अपंजीकृत हो गई है इसके बावजूद उक्त संस्था अवैध तरीके से पुलिस कर्मियों के वेतन से कटौती कर अपने कोष में जमा कर रही है। सरकार को चाहिए कि इस संस्था पर तत्काल रोक लगाए। इसके अलावा पांच वर्ष में जिन अराजपत्रित कर्मचारियों के साथ बदले की भावना से नियम विरुद्ध तरीके से दंडात्मक कार्रवाई की गई है उसकी पुनः जांच करके पीड़ित पुलिस कर्मियों को शीघ्र न्याय दिलाया जाए। संस्थान की इनके अलावा भी 19 मांगे हैं जिनके समाधान के लिए प्रदेश सरकार के सामने बात रखी जाएगी। विजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सभी पुलिस कर्मियों को आईपीएस अधिकारियों के उत्पीड़न से बचाने के लिए उनका संस्थान हर संभव कदम उठाएगा।