कायमगंज। कबीर जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी में प्रो. रामबाबू मिश्र ने कहा कि कबीर दास जी ने वैदिक जीवन दर्शन को लोकभाषा के माध्यम से बडे सहज सरल तरीके से जन-जन तक पहुंचाया
रविवार को नगर के मोहल्ला बजरिया में प्रमोद जैन के निवास पर अंजुमन फरोग अदब की तरफ से आयोजित गोष्ठी में प्रो. मिश्र ने आगे कहा कि कबीर दास जी ने ज्ञान मार्ग, रहस्यवाद, पाखण्ड विरोध से सामाजिक असमानता पर कठोर प्रहार किये। प्रो. सत्यशील अग्रिहोत्री ने कबीर को लोक गायक बताया। धनश्याम अग्रिहोत्री, शिवकुमार दुबे ने कहा कि कबीर के भजन आज भी लोकप्रिय है। कवि पवन बाथम ने कबीर को हिन्दी साहित्य का सबसे अधिक प्रभावशाली कवि बताया। गोष्ठी में अब्दुल वहाव बहार, सैयद राशिद अली, रामसिंह गौतम, सत्यप्रकाश चतुर्वेदी, शमोसबाबू कठेरिया, मृदुल जैन, आले हसन खां रहवर, मुमताज हुसैन शौक, डा. सुनीत सुनीत सिद्वार्थ, रामभजन नादान ने काव्य पाठ किया। आरके दुबे, जेपी दुबे, गोपाल अग्रिहोत्री, राजवीर शाक्य, शंकरमुनि वानप्रस्थी, सुनीत द्विवेदी, मोहित जैन, प्रभाकर जैन मौजूद रहे। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रमोद शरण जैन ने की।