शमसाबाद। दो साल पुरानी भाई की हत्या की रंजिश में मुकदमें के अभियुक्त की गला काट कर निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मृतक का धड़ गंगा के किनारे डाल दिया और सिर गायब कर दिया। यह वीभत्स नजारा देख वहां खेल रहे बच्चे चीख पडे। जिस पर खेतों में काम कर रहे ग्रामीणों ने हत्यारों को घेराबंदी कर पकड लिया और उनकी जमकर धुनाई कर दी। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हो सका।
कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के गांव मदारपुर निवासी रमेश पुत्र मेवाराम की वर्ष २०१० में होली के आखत के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गांव के ही प्रदीप आदि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। हत्या के इस मामले में प्रदीप जमानत पर गांव आया हुआ था। दोनों ही पक्षों में हत्या को लेकर आग धधक रही थी। शनिवार को मदारपुर निवासी सर्वेश अपने भाई के हत्या के आरोपी प्रदीप को शमसाबाद के ढाईघाट गंगा क्षेत्र में बुला ले गया। सर्वेश का साथी यशवीर उर्फ सर्वेश भी उनके साथ था। बताया गया कि गंगा के किनारे तीनों ने शराब पी। इस दौरान दो वर्ष पूर्व हुई हत्या को लेकर सर्वेश का प्रदीप से विवाद हुआ। जिसमें सर्वेश व यशवीर ने प्रदीप की धारदार हथियारों से गला काट कर निर्मम हत्या कर दी। घटना के दौरान क्षेत्र के बच्चे वहां खेल रहे थे। उन्होने इस खौफनाक कृत्य को देखा तो उन्होने शोर मचाया। जिस पर भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ वहां पहुंच गई।
भीड़ को देख दोनो हत्यारों ने भागने का प्रयास किया। जिस पर ग्रामीणों ने दोनों की घेराबंदी कर उनकी जमकर धुनाई लगाई। सूचना पर थानाध्यक्ष डीके सिसौदिया मौके पर पहुंचे। पुलिस ने भीड़ से घिरे दोनों हत्यारों को अपनी गिरफ्त में लिया। क्षेत्राधिकारी वाईपीसिंह व प्रभारी निरीक्षक कायमगंज विजय सिंह यादव भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। आरोपियों ने पुलिस को मृतक प्रदीप का सिर विहीन शव बरामद करा दिया। पुलिस ने लगभग दो दर्जन स्थानीय गोताखोरों को लगाकर मृतक का सिर गंगा में तलाश कराया। सीओ वाईपी सिंह ने बताया कि मृतक की शिनाख्त गांव मदारपुर निवासी प्रदीप पुत्र टोडे के रूप में की गई है।