फर्रुखाबाद। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय नवाबगंज के बिगड़े माहौल के लिए पूर्व बीएसए डा. कौशल किशोर और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुनील कटियार जिम्मेदार हैं। साथ ही विद्यालक की वार्डन और शिक्षिकाओं के बीच चल रही तकरार से शिक्षण कार्य चौपट है। यह बातें शिकायत की जांच करने के बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक ने अपनी रिपोर्ट में कही हैं। उन्होंने जांच रिपोर्ट राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान को भेजी है।
बीते फरवरी माह में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की वार्डन शांती मिश्रा को शिक्षिकाओं ने दाल, बिस्किट, साबुन, शैंपू, तेल आदि ले जाते हुए पकड़ा था। इस पर दोनों पक्षों में जमकर तकरार हुई थी। मामले में जिला प्रशासन ने जांच भी कराई थी। इसके बाद विद्यालक की फुल टाइम शिक्षिका साक्षी कटियार की शिकायत पर निदेशालय ने मामले की जांच मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक कानपुर मंडल विनय कुमार गिल को सौंपी थी। इसेक बद श्री गिल ने विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस दौरान उन्होंने विद्यालय की पार्ट टाइम शिक्षिकाओं प्रीती सिंह, प्रियंका संखवार, ज्योति वर्मा, हिमांशु पांडेय, फुल टाइम टीचर शालिनी रावत के बयान दर्ज किए। इसमें शिक्षिकाओं ने कहा कि वार्डन अध्यापक उपस्थिति पंजिका अपने कक्ष में रखती हैं। जब वह कमरे से बाहर आतीं हैं, तभी हस्ताक्षर करने को मिलते हैं। वार्डन छुट्टी से लौटने के बाद भी उपस्थित पंजिका में अपने हस्ताक्षर करती है। साथ ही वह उपस्थित पंजिका पर कभी आकस्मिक अवकाश नहीं दर्ज करती हैं। वहीं सभी शिक्षिकाओं के अकस्मिक अवकाश अंकित किए जाते हैं।
विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि वार्डन दो बच्चों पर शैंपू का एक पाउच देती हैं। खाने की गुणवत्ता खराब रहती है। दाल पानी की तरह पतली दी जाती है। सभी छात्राओं के लिए चाय बनाने को सिर्फ डेढ़ लीटर दूध ही मंगाया जाता है। वार्डन और शिक्षिकाओं में आए दिन वाद-विवाद होता रहता है। इससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता है। इसके लिए वार्डन और शिक्षिकाएं दोषी हैं। मामले की जानकारी होने पर बीएसए ने फुल टाइम टीचर साक्षी कटियार, वंदना गोस्वामी कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। इससे क्षुब्ध होकर साक्षी कटियार ने मामले की शिकायत की। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विद्यालय का माहौल बिगड़ने के लिए वार्डन और शिक्षिकाओं के साथ पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. कौशल किशोर, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सुनील कटियार भी दोषी हैं। उन्होंने वार्डन और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की संविदा का नवीनीकरण नहीं करने और सक्षम स्तर से नोटिस जारी कर इनकी संविदा समाप्त करने की संस्तुति भी की है। वहीं पूर्व बीएसए और जिला समन्यवक बालिका शिक्षा क दायित्वों के प्रति उदासीनता और शिथिल पर्येवेक्षण का दोषी बताया है।