फर्रुखाबाद। लोहिया अस्पताल में भर्ती मरीज की आपरेशन के लिए जाते समय मौत हो गई। वृद्ध की मौत पर परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक के पुत्र और पुत्री ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा। आपरेशन के नाम पर सुविधा शुल्क लेने का आरोप लगाया। घटना की सूचना पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी ने जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिया।
जहानगंज के गांव बिढ़ैल निवासी वृद्ध रामपाल शर्मा को परिवार के लोगों ने पेशाब के रास्ते में पथरी होने पर आपरेशन के लिए इसी महीने की 21 तारीख को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। इस मरीज को डाक्टर कमलेश शर्मा देख रहे थे। मंगलवार को उसका आपरेशन होने वाला था। इस पर सुबह से ही उसके परिजन लेकर आपरेशन को लेकर चिंता में थे। दोपहर के समय मरीज को आपरेशन के लिए अस्पताल के कर्मचारी उसे लेकर जैसे ही कक्ष में पहुंचे उसी समय मरीज की हालत बिगड़ने लगी। इसे देख कर डाक्टर ने उसकी कुछ दवा बाहर से लिख कर परिजनों से मंगवाई। जिसे देने के कुछ ही देर बाद मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत हो जाने पर इसकी जानकारी परिजनों को दी गई। यह सुन कर परिजनों में कोहराम मच गया। वृद्ध के शव को अस्पताल के कर्मचारी स्ट्रेचर से लाकर आपातकालीन गेट के बाहर रख दिया। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगते हुए कहा कि उसके मरीज की सही से देखभाल नही की गई। मृतक की बेटी मधू ने आरोप लगाया कि आपरेशन के नाम से उसे से रविवार को 25 हजार रुपए लिए गए। रुपए देने के बाद भी उसके मरीज की देखभाल नही की गई। मरीज की हालत इतनी खराब नही थी। अगर हालत गंभीर थी तो उसके मरीज को रिफर क्यों नही किया गया। पुत्र अनिल और श्याम ने आरोप लगाया कि लापरवाही के कारण पिता की मौत हुई है। इस दौरान इसकी जानकारी मोबाइल फोन से परिजनों ने डीएम को दी। जानकारी मिलते ही कुछ ही देर में सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी विनोद कुमार सिंह मौके पर पहुंच गए। परिजनों ने अफसरों से भी डाक्टर की लापरवाही से मौत होने की जानकारी दी। इस दौरान डाक्टर भी आ गए। अफसरों ने जांचकर कार्यवाही का भरोसा दिया। वही अफसरों ने डाक्टर से घटना की जानकारी ली। इसके बाद परिजन शांत हुए और शव लेकर चले गए। उधर, डाक्टर कमलेश ने बताया कि आपरेशन के लिए मरीज आया और आचनक उसका ब्लडप्रेशर बढ़ा गया। इस पर आपरेशन के लिए मना कर दिया गया। वह वार्ड में जा चुका था। वही पर उसकी मौत हो गई। मरीज को खून की भी कमी थी। तीन बोतल चढ़ चुकी थी। एक बोतल को आपरेशन के लिए बचा कर रख लिया गया था। उन्होने ने पैसे लेने की बात से इंकार किया।