फर्रुखाबाद। अपने अधिकारों के प्रति जाग चुकी जनता से महज हाथ जोड़कर अब माननीय बन जाना आसान नहीं होगा। अहिंसा और उपवास के बलबूते ही प्रशासनिक अफसरों को एक पैर पर खड़ा करवा कर इसी शहर की जनता हाल के दिनों में अपना लोहा मनवा चुकी है। ऐसे में नगर निकाय के होने वाले चुनाव में प्रत्याशियों को मतदाताओं के सीने में धधक रही ज्वाला का सामना भी करना होगा।
कई बार ठगे जाने के बाद जागरुक हो चुके मतदाता इस बार ठान कर बैठे हैं कि चुनाव उसी को जिताएंगे जो अपने निजी स्वार्थ को तिलांजलि देकर क्षेत्रवासियों की उम्मीदों पर खतरा उतर सके। अस्तबल तराई मोहल्ले के रहने वाले राजूखान का कहना है कि असली और नकली चेहरे में भेद करना अब जनता को आ गया है। बहुत ठगे जा चुके हैं अब ऐसी नौबत नहीं आने देंगे। कहा कि प्रत्याशी का बैकग्राउंड देखकर और अच्छी तरह से ठोंक बजाकर ही नगर निकाय के चुनाव में वोट देंगे। जीतने के बाद प्रतिनिधि ने दगा किया तो किसी भी मोड़ पर घेर कर वादे का हिसाब मांगेंगे।
जन समस्याओं के लिए कई दिनों तक आमरण अनशन कर प्रशासन की नाक में दम कर देने वाले अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मतदाताओं को क्षेत्रवाद, जातिवाद और पार्टीवाद की राजनीति से खुद को सुरक्षित रखते हुए अब उसी को अपना नेता चुनना होगा जो अपने निजी स्वार्थ को तिलांजलि देकर पूरी निर्भीकता से जनता के हित का कार्य करा सके। कहा कि शहर वासियों को स्वच्छता, बिजली, रास्ते देना नगर निकाय में बैठने वाले जनप्रतिनिधि का नैतिक दायित्व होना चाहिए।
नगर उद्योग प्रतिनिधि व्यापार मंडल के पदाधिकारी मनोज मिश्रा ने कहा कि जनता की समस्या समाधान के लिए जुझारूपन दिखाने वाला प्रत्याशी ही इस बार नगर निकाय में चुना जाएगा। कहा कि आम जनता नेताओं को वोट देते-देते बहुत ठगी जा चुकी है, विकास कार्य कहीं दिख नहीं रहे। जनप्रतिनिधियों ने केवल अपना ही विकास किया। इसलिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को अब जनता के हर एक वादे पर जवाबदेह होना होगा।
बढ़पुर निवासी अतुल मिश्रा ने कहा कि वोट कोई मामूली चीज नहीं है जिसे प्रत्याशी आसानी से मांग लेंगे। कहा कि एक वोट के बदले जनता को अब हर एक अधिकार चाहिए। विश्वासघात बहुत सह चुके। इस बार के निकाय चुनाव में जीतने वाले प्रतिनिधि को क्षेत्रवासियों के बीच उन्हीं के हावभाव से रहकर काम करना होगा। बैजनाथ स्ट्रीट मोहल्ले के निवासी सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि भोली भाली जनता का वोट केवल हाथ जोड़कर ले लेना इस बार आसान नहीं होगा। कहा कि जनता अपने अधिकार को अच्छी तरह से जान चुकी है। नगर के प्रतिनिधियों का चुनाव होना है इसलिए विकास कार्यों से कोई भी समझौता हुआ तो चुने गए व्यक्ति को जनता नकार भी सकती है।