अमृतपुर। गंगा की कटरी में गेहूं की फसल में लगी आग से हुए नुकसान की सूची में राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार ने अपात्रों के भी नाम शामिल कर दिए हैं। राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह के आदेश के बावजूद सूची नहीं बदली गई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत की है।
गांव बलीपट्टी रानी गांव निवासी अमरनाथ शुक्ला ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है कि ग्राम बलीपट्टी, आसमपुर, तौफीक की मढ़ैया के किसानों की गेहूं की फसल में 28 अप्रैल को आग लग गई थी। इस अग्निकांड में लगभग 500 बीघा फसल जलकर राख हो गई थी। घटनास्थल का निरीक्षण तहसीलदार श्रीराम सचान ने किया था। तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार और लेखपाल को काश्तकारों की सूची बनाकर दी। लेखपाल रामसेवक और राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार द्वारा गेहूं की फसल जल जाने की सूची 20 काश्तकारों की बनाई गई थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजस्व निरीक्षक द्वारा बनाई गई सूची गलत है। उस सूची में अपात्रों के भी नाम शामिल कर लिए गए थे, जिसकी शिकायत राज्यमंत्री से भी की गई थी।
राज्यमंत्री ने उप जिलाधिकारी अरुण कुमार को पुनः सूची बनाए जाने के आदेश दिए थे। लेकिन उनके आदेश को ठेंगा दिखाकर वही सूची दोबारा मंडी परिषद को भेज दी गई है। इसकी जानकारी गांव के अमरनाथ शुक्ला को हुई। राजस्व निरीक्षक द्वारा बनाई गई सूची में अपात्र अनोखेलाल गाटा संख्या ग 14, दुशासन गाटा संख्या ग 13, रामप्रसाध गाटा संख्या ग 12, रामचंद्र गाटा संख्या 15, धीरेंद्र गाटा संख्या 11 के नाम शामिल हैं। इन गाटा संख्याओं में गन्ना की फसल खड़ी है। गेहूं बोया नहीं गया था। गंगाराम, दाताराम, विमल, कमल के खेतों में गेहूं था लेकिन जला नहीं था। लेखपाल व कानूनगो ने काश्तकारों से सांठगांठ कर अपात्रों की सूची बनाई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से बनाई गई सूची का जांच करवाए जाने की मांग की है।