फर्रुखाबाद। पॉम ऑयल के टीन पर ब्रांडेड रिफाइंड कंपनियों के नकली रैपर लगाकर मोटी कमाई में जुटे व्यापारियों को छापे की एक बड़ी कार्रवाई में पकड़ लिया गया। दबिश के दौरान एक बड़ा व्यापारी अपने घर से भाग निकला। शहर की विख्यात लिंजीगंज मार्केट में छापे की कार्रवाई 18 घंटे तक चलती रही जहां से भारी मात्रा में नकली रैपर लगे रिफाइंड तेल बरामद हुए और पांच व्यापारी पकड़े गए और उनसे चार सौ टीन पॉम ऑयल बरामद हुअ। कुछ अन्य व्यापारियों के यहां से केवल सैंपुल लिए गए। फूड इंस्पेक्टरों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट व सीओ सिटी रात भर और पूरे दिन व्यापारियों के गोदाम खंगालते रहे और सैंपुल लेते रहे तो दोपहर में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी पहुंचकर मौका मुआयना किया। इस कार्रवाई के दौरान पूरी मार्केट पुलिस छावनी में तब्दील रही। कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में भी दहशत रही। जिसकी वजह से सारा बाजार बंद रहा।
इस काले कारोबार का भंडाफोड़ बीती रात करीब दस बजे अमृतपुर थाना पुलिस के जरिए हुआ। अमृतपुर एसओ सुनील दत्त रात में थाने के सामने चेकिंग कर रहे थे तभी उनके साथ रहे पुलिस कर्मियों नपे एक मारूति वैन यूपी 27 बी, 4887 को रोका। उसकी छानबीन की गई तो रिफाइंड ऑयल से भरे टीन मिले। वैन में शाहजहांपुर के कलान निवासी संदीप गुप्ता, संतोष गुप्ता और राजीव शाक्य बैठे थे। इनमें संदीप और संतोष भाई हैं जबकि राजीव उनके प्रतिष्ठान में नौकर है। ऑयल असली है या मिलावटी, इस पूछताछ में संदीप गुप्ता पुलिस को गुमराह करने लगा। पुलिस ने उसे हड़काया तो संदीप ने सारा राज उगल दिया। बताया कि वह ऑयल को फर्रुखाबाद के लिंजीगंज मार्केट निवासी व्यापारी राम प्रकाश से खरीदकर ले जा रहा है। अमृतपुर एसओ ने यह जानकारी रात में ही उच्चाधिकारियों को दी तो सिटी मजिस्ट्रेट भगवानदीन वर्मा और पुलिस क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार सिंह जा पहुंचे।
वैन सवार लोगों को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सीधे लिंजीगंज में राम प्रकाश के आवास पर जा पहुंचे। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने अपने साथ पीएसी के जवान भी ले लिए थे ताकि छानबीन की कार्रवाई में कोई व्यापारी विरोध न कर सके। रात करीब ग्यारह बजे राम प्रकाश के घर पर दबिश दी गई तो वह मिल गया। सीओ ने कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि राम प्रकाश पॉम ऑयल के टीन पर विभिन्न ब्रांडेड रिफाइंड कंपनियों के नकली रैपर लगाकर उन्हें ऊंची कीमत पर बेचता है। राम प्रकाश को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके गोदाम को खंगाला गया। जहां भारी संख्या में रिफाइंड के टीन बरामद हुए। नकली रैपर भी मिले। राम प्रकाश से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस कर्मियों ने पडोस में ही रहने वाले व्यापारी पंकज गुप्ता के घर दबिश दी। घर आई पुलिस को देखकर पंकज गुप्ता किसी गुप्त रास्ते से भाग निकला। पुलिस ने इसके बाद लिंजीगंज से ही मोहित गुप्ता, दुर्गेश और कल्लू को पकड़ा। मोहित ने खुद को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का करीबी रिश्तेदार बताते हुए धौंस जमाने की कोशिश की तो पुलिस कर्मियों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। इससे मोहित गुप्ता टूट गया और उसने खटकपुर में भी सुभाष कोरी के यहां यही कारोबार होने की जानकारी दी। पुलिस को इनसे ऑयल में मिलावट की जानकारी भी मिली। इन सभी लोगों की निशानदेही पर पुलिस ने रात में ही खटकपुरा मोड़ पर छापा मारा। वहां से मकसूद, तारिक और सुभाष से पूछताछ की गई तथा ऑयल के सैंपुल लिए गए।
पकड़े गए लोगों से पुलिस को जानकारी मिलती गई तथा अन्य व्यापारियों के यहां भी दबिश दी जाने लगी। यह कार्रवाई पूरी रात चलती रही और क्षेत्रीय लोगों में हड़कंप मचा रहा। पुलिस अधीक्षक ने मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स के अलावा दमकल कर्मियों को भी भेज दिया ताकि किसी प्रकार के विरोध होने पर लोगों से निपटा जा सके। छानबीन में पुलिस को वीरेंद्र कुमार योगेश कुमार की फर्म में भी नकली रिफाइंड के कारोबार की जानकारी मिली। गोदाम की तलाशी लेने पर वहां बीस ड्रम तेल मिला। जिससे सैंपुल लिए गए। बुधवार को दोपहर के समय सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी ने रामतीरथ गुप्ता के गोदाम में भी छापेमारी की। फूड इंस्पेक्टर मानसिंह ने वहां रखे ऑयल की जांच की तो पता चला कि कई टीन पर ब्रांडेड कंपनियों के रैपर तो लगे थे लेकिन उनमें बैच नंबर नहीं था। जिससे शक हुआ कि यह तेल भी पॉम ऑयल ही है। फूड इंस्पेक्टर ने उक्त तेल के सैंपुल लेने के बाद तीन टीन को सीज कर दिया। इससे पहले राम प्रकाश, पंकज गुप्ता, मोहित गुप्ता के गोदाम भी सीज कर दिए गए थे। फूड इंस्पेक्टरों ने जितने भी गोदामों में छापेमारी कर वहां से सैंपुल लिए उनकी बाकायदा इनवाइस काटकर दी। दोपहर में जिलाधिकारी डा.मुथुकुमार स्वामी बी. और पुलिस अधीक्षक नीलाब्जो चौधरी पहुंचे। मौका मुआयना किया और पकड़े गए लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने का आदेश देकर लौट गए। कुछ देर बाद अपर जिलाधिकारी कमलेश कुमार भी पहुंचे। उन्होंने रामतीरथ के गोदाम में जाकर रिफाइंड को जांचा परखा और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने का उन्होंने भी आदेश दिया। फर्रुखाबाद थाने के कोतवाल विजय बहादुर सिंह ने हालांकि आठ लोगों के पकड़े जाने की जानकारी ही दी है। जिनमें पांच की गिरफ्तारी के अलावा तीन लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधीक्षक नीलाब्जो चौधरी ने कहा है कि पकड़े गए लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है साथ ही जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के इस अपराध में शामिल लोगों पर रासुका भी लगाने की तैयारी की जा रही है। फूड इंस्पेक्टर जे एस वर्मा ने बताया कि व्यापारी पॉम ऑयल को आगरा से मंगाते थे और कानपुर से नकली रैपर बनवाकर टीन में चिपका कर उन्हें ब्रांडेड कंपनियों की दर के हिसाब से बेचते थे। छापे की इस कार्रवाई के दौरान डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर अशोक कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर शांति शेखर सिंह, एमपी सिंह, ओम प्रकाश सिंह, वाणिज्य कर अधिकारी एस पी यादव, खाद्य निरीक्षक मानसिंह और जे एस वर्मा भी उपस्थित रहे।