अमृतपुर / राजेपुर। गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों को दलाल के सुपुर्द कर खुद मौज कर रहे यूपी स्टेट एग्रो अमृतपुर के केंद्र प्रभारी राजेलाल को जिलाधिकारी ने सस्पेंड कर दिया। आकस्मिक निरीक्षण में वह केंद्र पर नहीं मिला था जबकि लेखपाल के भी अनुपस्थित रहने पर उसे आरोप पत्र थमाने का निर्देश तहसीलदार को दिया। केंद्र पर गेहूं तौल रहे युवक की बात से डीएम संतुष्ट नहीं हुए तो उसे भी गिरफ्तार करवाकर एफआईआर कराने का निर्देश जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी को दिया।
गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों के उत्पीड़न और बारदाना खत्म होने का बहाना बनाए जाने की जानकारी कई दिनों से जिलाधिकारी डा.मुथुकुमार स्वामी बी. के पास पहुंच रही थीं। इस पर श्री स्वामी सोमवार को सबसे पहले वे राजेपुर स्थित मार्केटिंग विभाग के खरीद केंद्र पर पहुंचे वहां उन्होंने खरीद रजिस्टर देखा और किसानो से बात की। केंद्र में बारदाना न होने की बात पर डीएम ने किसानों से कहा कि धैर्य रखें, सभी का गेहूं समय से खरीदा जाएगा। जिलाधिकारी की गाड़ी देखते ही वहां जमावड़ा लगाए बैठे दलाल भाग निकले। कांटे के पास क्रय केंद्र प्रभारी एस के वर्मा अपने रजिस्टर के साथ उपस्थित हो गए। कई किसान ट्रैक्टरों पर अपना गेहूं लादे खड़े थे लेकिन उनसे खरीद नहीं हो रही थी। जिलाधिकारी ने किसानों से पूछा तो पता चला कि बारदाना न होने के कारण खरीद नहीं हो रही है। जिलाधिकारी ने किसान जगदीश सिंह, विश्वेसर सिंह, श्यामवीर, उमेश प्रताप और देवेश आदि से कहा कि खरीद तीस जून तक होनी है इसलिए किसी प्रकार का गुस्सा जाहिर न करें।
यहां से जिलाधिकारी का काफिला अमृतपुर जा पहुंचा। यूपी स्टेट एग्रो के क्रय केंद्र पर पहुंचे तो वहां एक युवक महेंद्र सिंह गेहूं की तौल करता मिला। जबकि गेहूं से संबंधित किसान वहां नहीं था। एक व्यक्ति ने अपना नाम भूरे बताते हुए खुद को किसान और उक्त गेहूं को अपना बताया। जिलाधिकारी ने किसान बही मांगी तो वह उसे घर से लाने का बहाना बनाकर भाग निकला। जिलाधिकारी ने महेंद्र सिंह से गेहूं के बारे में पूछा तो वह बगलें झांकने लगा।
इस पर जिलाधिकारी ने अपने और तहसीलदार के साथ गए होमगार्डों से महेंद्र को दलाल मानते हुए पकड़वा लिया और मौजूद डिप्टी आरएमओ यादराम से कहा कि रवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं। मौके पर केंद्र प्रभारी राधेलाल नहीं मिला तो जिलाधिकारी ने उसे तत्काल सस्पेंड कर देने का निर्देश दिया। महेंद्र सिंह ने ही जिलाधिकारी को बताया कि राधेलाल कभी कबार ही केंद्र पर आता है।
इस पर जिलाधिकारी ने यादराम पर भी जमकर नाराजगी जताई। यूपी स्टेट एग्रो के जिला प्रबंधक से कहा कि राधेलाल की जांच करें। क्रय केंद्र पर लेखपाल के मौजूद रहने का निर्देश दिए जाने के बावजूद लेखपाल राजेश कुमार भी नहीं मिला तो जिलाधिकारी ने तहसीलदार को निर्देश दिया कि उसे आरोप पत्र दिया जाए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने यादराम से कहा कि उक्त केंद्र का भुगतान तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए क्योंकि यहां गेहूं किसानों से नहीं बल्कि दलालों के माध्यम से खरीदा जा रहा है। ऐसा न करने पर जिलाधिकारी ने यादराम को भी अंजाम भुगतने की चेतावनी दी।
जिलाधिकारी ने साथ में मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट बीडी वर्मा को आगे के गेहूं क्रय केंद्रों की जांच करने के लिए भेजा। बताया जाता है कि सिटी मजिस्ट्रेट श्री वर्मा अमर ज्योति इंटर कालेज पहुंचे। वहां गेहूं के बोरे रखे थे जबकि कोई कर्मचारी नहीं मिला। मौजूद लोगों ने बताया कि एक दो केंद्र कुछ आगे बनाए गए हैं जबकि इस जानकारी के मिलने के बावजूद सिटी मजिस्ट्रेट कालेज परिसर से ही वापस लौट गए।