फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद व फतेहगढ़ के बाशिंदों की एक बड़ी समस्या खत्म होने जा रही है। इन दोनों युग्म नगरों में सीवर लाइन डाली जाएगी। जल निगम ने 369 करोड़ रुपए का प्रस्ताव कानपुर कार्यालय को भेजा गया है। दोनों शहरों में 160 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन पड़ेगी। परियोजना के लिए 70 फीसदी धन केंद्र व 30 फीसदी धन राज्य सरकार देगी।
नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी ने जल निगम से सीवर लाइन का प्रस्ताव मांगा था। दो माह के सर्व के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा सका है। इसमें फतेहगढ़ व फर्रुखबाद में 160 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। फतेहगढ़ व फर्रुखाबाद में एक एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है। दो मुख्य पंपिंग स्टेशन व दो इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। एक सप्ताह पहले ही प्रस्ताव को जल निगम के कानपुर जोनल कार्यालय को भेजा गया है। यहां से यह पास होने के लिए सूबे की सरकार को जाएगा। इसके बाद यहां से इसे केंद्र सरकार को भेजा जाना है। केंद्र सरकार के हरी झंडी देने के बाद काम शुरू होगा।
योजना से दोनों युग्म नगरो की करीब 2 लाख 76 हजार की आबादी को फायदा मिलेगा। योजना को परवान चढ़ने में लगभग चार साल लग सकते हैं। इससे गंगा में गिर रहे गंदे पानी से निजात मिलेगी। अभी घरों, नालों व सीवर टैंकों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिराया जाता है। सीवर योजना के बाद नालों का पानी सीवर लाइन में जाएगा। इसका ट्रीटमेंट होगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता गंगा सिंह का कहना है कि योजना का काम विभाग के हवाले रहेगा। वही इसके मेंटीनेंस का काम देखेगी।
इस योजना के लागू होने से मैला ढो़ने की प्रथा से भी निजात मिल सकेगी। नालों व नालियों की गंदगी की समस्या भी खत्म हो जाएगी। दिसंबर महीने में सीवर लाइन का काम शुरू हो सकता है।
फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद व फतेहगढ़ के बाशिंदों की एक बड़ी समस्या खत्म होने जा रही है। इन दोनों युग्म नगरों में सीवर लाइन डाली जाएगी। जल निगम ने 369 करोड़ रुपए का प्रस्ताव कानपुर कार्यालय को भेजा गया है। दोनों शहरों में 160 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन पड़ेगी। परियोजना के लिए 70 फीसदी धन केंद्र व 30 फीसदी धन राज्य सरकार देगी।
नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथारिटी ने जल निगम से सीवर लाइन का प्रस्ताव मांगा था। दो माह के सर्व के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा सका है। इसमें फतेहगढ़ व फर्रुखबाद में 160 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। फतेहगढ़ व फर्रुखाबाद में एक एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है। दो मुख्य पंपिंग स्टेशन व दो इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। एक सप्ताह पहले ही प्रस्ताव को जल निगम के कानपुर जोनल कार्यालय को भेजा गया है। यहां से यह पास होने के लिए सूबे की सरकार को जाएगा। इसके बाद यहां से इसे केंद्र सरकार को भेजा जाना है। केंद्र सरकार के हरी झंडी देने के बाद काम शुरू होगा।
योजना से दोनों युग्म नगरो की करीब 2 लाख 76 हजार की आबादी को फायदा मिलेगा। योजना को परवान चढ़ने में लगभग चार साल लग सकते हैं। इससे गंगा में गिर रहे गंदे पानी से निजात मिलेगी। अभी घरों, नालों व सीवर टैंकों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिराया जाता है। सीवर योजना के बाद नालों का पानी सीवर लाइन में जाएगा। इसका ट्रीटमेंट होगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता गंगा सिंह का कहना है कि योजना का काम विभाग के हवाले रहेगा। वही इसके मेंटीनेंस का काम देखेगी।
इस योजना के लागू होने से मैला ढो़ने की प्रथा से भी निजात मिल सकेगी। नालों व नालियों की गंदगी की समस्या भी खत्म हो जाएगी। दिसंबर महीने में सीवर लाइन का काम शुरू हो सकता है।